अमेरिका में एक पाकिस्तानी नागरिक मुहम्मद पहलवान को 40 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने उसे ईरानी हथियारों की तस्करी और आतंकवादियों को सहायता देने का दोषी पाया. यह सजा उसे बीते महीने सुनाई गई.
पहलवान को जून 2024 में एक संघीय जूरी ने दोषी ठहराया था. उस पर आरोप था कि उसने आतंकवादी संगठनों को सामग्री और संसाधन मुहैया कराए, ईरान के वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन प्रोग्राम को सहायता दी और हूती विद्रोहियों के लिए विस्फोटक उपकरणों की ढुलाई की.
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अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, 11 जनवरी 2024 की रात अमेरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड के जवानों ने सोमालिया तट के पास अरब सागर में एक बिना झंडे वाली नाव (धो) को रोका. यह कार्रवाई USS Lewis B Puller जहाज से की गई, जिसमें नेवी सील्स और कोस्ट गार्ड की टीम शामिल थी.
ईरानी उन्नत पारंपरिक हथियार बरामद किए गए थे
जांच के दौरान नाव पर 14 लोग सवार मिले, जिनमें पहलवान भी शामिल था. तलाशी में ईरान निर्मित उन्नत पारंपरिक हथियार बरामद किए गए, जिनमें बैलिस्टिक मिसाइल और एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के पार्ट्स और एक वॉरहेड शामिल था. अमेरिकी जांच एजेंसी के अनुसार, ये वही हथियार थे जिनका उपयोग हूती विद्रोही लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारी और अमेरिकी जहाजों पर हमलों में कर रहे थे.
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IRGC के साथ मिलकर कर रहा था हथियारों की तस्करी
कार्रवाई के दौरान पहलवान ने अमेरिकी टीम से झूठ बोला और अपने साथियों को भी झूठ बोलने के निर्देश दिए. बाद में उसने चालक दल और उनके परिवारों को धमकी भी दी. इसी दौरान दो नेवी सील्स - क्रिस्टोफर चेम्बर्स और नाथन गेज़ इंग्राम की जान चली गई.
जांच में खुलासा हुआ कि पहलवान अगस्त 2023 से जनवरी 2024 तक ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से जुड़े दो ईरानी भाइयों - शाहब और यूनुस मिरकजई - के साथ मिलकर हथियारों की तस्करी कर रहा था. वह ईरान से सोमालिया तट तक कार्गो लाता और रात के समय जहाज-से-जहाज ट्रांसफर कर इन हथियारों को हूती विद्रोहियों तक पहुंचाता था.
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