लॉरेंस बिश्नोई की अगुवाई वाले बिश्नोई गैंग को कनाडा सरकार ने आतंकी संगठन की लिस्ट में डाल दिया है. कनाडा में मर्डर और उगाही करवाने के आरोपों के चलते कंजरवेटिव और NDP नेताओं की मांग के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है. अब अगर कोई भी कनाडाई नागरिक बिश्नोई गैंग को आर्थिक मदद करता है या इस गैंग से किसी भी रूप में लेनदेन करता है तो इसे अपराध माना जाएगा.
लॉरेंस गैंग पर कनाडा में नकेल
कनाडा की सरकार ने बिश्नोई गैंग को क्रिमिनल कोड के तहत एक 'टेररिस्ट एंटिटी' यानी आतंकवादी संगठन घोषित किया है. कनाडा के प्रवासी समुदायों के बीच बढ़ते अपराध और हिंसा को रोकने के मकसद से देश के पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर गैरी आनंदसंगरी ने यह फैसला लिया है. गैंग का मुखिया लॉरेंस बिश्नोई साल 2014 से भारत की जेल में बंद हैं, लेकिन कहा जाता है कि वह जेल से ही गैंग ऑपरेट करता है.
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लॉरेंस गैंग मुख्य रूप से भारत से संचालित होता है, लेकिन कनाडा में भी इसका मजबूत नेटवर्क है. खासकर सिख और दक्षिण एशियाई समुदायों वाले इलाकों में गैंग के गुर्गे एक्टिव हैं. कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद गैंग के सदस्यों ने खुले तौर पर उन अपराधों की जिम्मेदारी ली है.
हिंसा और उगाही में शामिल
कनाडा की सरकार ने हिंसा और आतंक का माहौल पैदा करने के लिए गैंग के खिलाफ यह एक्शन लिया है. गैंग पर कनाडा में हत्या, गोलीबारी, आगजनी और जबरन वसूली के जरिए प्रवासी समुदायों को डराने-धमकाने के आरोप हैं. कनाडा में खास तौर पर सिख समुदाय को निशाना बनाया गया है और कई कारोबारियों को गैंग की तरफ से धमकियां दी गई हैं.
कनाडाई पुलिस (RCMP) ने आरोप लगाया कि गैंग प्रो-खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों को धमकाने का काम कर रहा था. इसके अलावा, गैंग पर कनाडा में सिख एक्टिविस्ट के खिलाफ हिंसा और उगाही के भी आरोप लगे हैं. गैंग पर हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में भी शामिल होने के आरोप हैं.
गैंग ने आतंक का माहौल फैलाया
कनाडा की सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बिश्नोई गैंग एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठन है जो मुख्य रूप से भारत से एक्टिव है. कनाडा में भी इनकी मौजूदगी है और ये उन इलाकों में एक्टिव हैं जहां प्रवासी समुदाय बड़ी संख्या में रहता है. यह गैंग हत्या, गोलीबारी और आगजनी करता है, और जबरन वसूली और धमकी के ज़रिए आतंक फैलाता है. गैंग के सदस्य प्रवासी लोगों, व्यवसायों और सांस्कृतिक हस्तियों को निशाना बनाते हैं, जिससे असुरक्षा का माहौल बनता है.
बयान में कहा गया है कि बिश्नोई गैंग को टेररिस्ट लिस्ट में डालने से कनाडा की सुरक्षा, खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उनके अपराधों से निपटने और समुदायों को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी.
भारत में कई बड़े अपराधों से जुड़े तार
भारत में पंजाबी रैपर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड, बॉलीवुड स्टार सलमान खान को धमकी और मुंबई में वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या से सीधे तौर पर लॉरेंस गैंग के तार जुड़े हैं. कनाडा ने इसे क्रिमिनल टेररिस्ट का ग्रुप माना, जो क्रिमिनल कोड के तहत टेररिस्ट ग्रुप की लिस्ट में आता है.
कनाडा के क्रिमिनल कोड के तहत अब पुलिस के पास लॉरेंस गैंग की गतिविधियों को रोकने का कानूनी हथियार होगा. इसके तहत गैंग की संपत्ति जब्त की जा सकती है और बैंक खाते फ्रीज किए जा सकते हैं. कनाडाई पुलिस को अब गैंग के सभी आर्थिक लेनदेन को ट्रैक करने और सीज करने के ज्यादा अधिकार हासिल हो जाएंगे. इससे गैंग की आर्थिक कमर टूट सकती है और उसका वित्तीय नेटवर्क कमजोर पड़ सकता है.
कनाडा पुलिस को मिले ज्यादा अधिकार
कनाडा में अब इस गैंग से जुड़े लोगों को सख्त सजा दी जा सकती है. जांच में खुफिया एजेंसियों को ज्यादा अधिकार मिलेंगे और इससे गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी आसान हो जाएगी. पैसों और हथियारों की कमी के चलते गैंग की तरफ से होने वाली उगाही की वारदातों में कमी आ सकती है और हिंसा पर भी नकेल लग सकती है. निज्जर की हत्या पर तनाव के बाद यह कदम भारत-कनाडा के बीच संबंधों को सुधारने का एक संकेत भी माना जा रहा है.
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कनाडा के फैसले से सबक लेते हुए अब अमेरिका और ब्रिटेन में भी लॉरेंस गैंग पर सख्ती बरती जा सकती है. कनाडा का हालिया फैसला बाकी देशों पर भी असर डालेगा. गैंग के कनाडा बेस्ड मेंबर्स पर वीजा प्रतिबंध बढ़ाए जा सकते हैं और दुनियाभर में बिश्नोई गैंग के सदस्यों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं. आतंकी लिस्ट में आने के बाद गैंग के लिए फंडिंग के अलावा नए सदस्यों की भर्ती और ट्रैवल करना तक मुश्किल हो जाएगा.
भारत में NIA जैसी एजेंसी पहले से ही बिश्नोई गैंग पर शिकंजा कसे हुए है. यह कदम भारत को प्रत्यर्पण में भी मदद कर सकता है, लेकिन इससे राजनीतिक तनाव बढ़ने की भी आशंका है. कनाडा में गैंग पर शिकंजा प्रवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है, लेकिन इसकी व्यापकता अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर करेगी.
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