Iran Special-9 Plan: बीते 17 दिनों से गाजा पट्टी पर इजरायल की बमबारी रुकने का नाम नहीं ले रही है. इजरायल जिस तरह से गाजा पर बम बरसा रहा है, उससे इस युद्ध के महायुद्ध में तब्दील होने का अंदेशा जताया जा रहा है. ईरान से लेकर मिडिल ईस्ट के 57 मुल्क यह धमकी दे चुके हैं कि अगर इजरायल की सेना गाजा पट्टी में घुसती है तो युद्ध के नए मोर्चे खुल जाएंगे. अब ऐसे में जब इजरायल की सेना गाजा की सीमा में दाखिल हो चुकी है. तो क्या महायुद्ध की अटकलें सही साबित हो सकती हैं?
गाजा की सीमा में इजरायल की सीमा के दाखिल होने के बाद पहली बार हमास के साथ उसकी जमीनी भिड़ंत हुई. हमास ने भी इजरायल के सैनिकों पर एंटी टैंक मिसाइलें दागी हैं. इजरायल समझ रहा है मिडिल ईस्ट में कहां-कहां से युद्ध के मोर्चे खुल सकते हैं. यही वजह है कि उसने सीरिया पर भी हमले करने शुरू कर दिए हैं. सीरिया का कहना है कि इजरायली हमलों की वजह से उसे दमिश्क और अलेप्पो में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस बीच ईरान सहित मिडिल ईस्ट की योजनाओं पर भी अटकलें लगने लगी हैं.
क्या होगा तीसरा वर्ल्ड वॉर?
मिडिल ईस्ट के सभी 57 मुस्लिम देशों में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अंदेशा जताया जा रहा है कि युद्ध की यह चिंगारी दुनिया को महायुद्ध की आग में झोंक सकती है. गाजा और इजरायल युद्ध के बीच दुनिया की महाशक्तियां आमने-सामने-खड़ी हो गई हैं. बीते 72 घंटे में अमेरिका, चीन और रूस में हुए घटनाक्रमों को देखें तो महायुद्ध के संकेत साफ बताए जा रहे हैं. अगर हालात बिगड़ते हैं तो युद्ध कौन रोकेगा? क्योंकि इस युद्ध में अब चीन और रूस की एंट्री भी हो गई है.
युद्ध के बीच अमेरिका के बाद चीन की तरफ से एक या दो नहीं बल्कि छह युद्धपोत अरब सागर में बैकअप के लिए पहुंच गए हैं. अरब सागर में चीन के छह युद्धपोतों की मौजूदगी ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है.
कहा जा रहा है कि रूस के लड़ाकू विमान अपनी सबसे खतरनाक मिसाइलों के साथ काला सागर में तैनात हैं. रूस का दावा है कि काला सागर के आसमान में एक-दो नहीं बल्कि ब्रिटेन के तीन प्लेन को इंटरसेप्ट किया गया है. रूसी सेना का दावा है कि 19 अक्टूबर को ब्रिटेन के तीन सैन्य विमानों ने उनकी सीमा में घुसपैठ की लेकिन गनीमत रही कि हालात बिगड़ने से पहले ब्रिटेन के विमानों ने इलाका छोड़ दिया. इस बीच सवाल यह है कि ब्रिटेन के तीन सैन्य विमान रूस की सीमा में कैसे पहुंचे?
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वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ब्लैक सी में लड़ाकू विमान तैनात किए हैं. यमन से इजरायल की तरफ एक-दो नहीं बल्कि तीन मिसाइलें दागी गई हैं. अमेरिका का कहना है कि अगर मिसाइलों को इंटरसेप्ट नहीं किया गया होता तो टारगेट सीधा इजरायल था. ईरान ने इजरायल के खिलाफ युद्ध को महायुद्ध में बदलने की धमकी दी है. इसके लिए ईरान ने स्पेशल-9 प्लान तैयार किया है.
क्या है स्पेशल-9 प्लान?
ईरान ने अपने स्पेशल-9 प्लान के तहत ना सिर्फ लड़ाकों बल्कि 9 स्ट्रैटेजिक हथियारों की खेप जुटानी शुरू कर दी है. ईरान के इस प्लान के तह नौ लड़ाकों के नौ गुटों को नौ स्ट्रैटेजिक हथियार दिए जाएंगे. इन हथियारों में फतह-11- बैलिस्टिक मिसाइल, स्कड मिसाइल, कहर-1 मिसाइल, खैबर शिकन मिसाइल, बद्र-1 मिसाइल, बुरकान-2 एच मिसाइल, कियाम मिसाइल, शॉर्ट रेंज रॉकेट, शाहेद 131/136 आत्मघाती ड्रोन शामिल हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की नौ फ्रंट पर घेराबंदी की जाएगी. ये नौ मोर्चे लेबनान, सीरिया, वेस्ट बैंक, जॉर्डन, मिस्र, भूमध्यसागर, लाल सागर और इराक हैं.
ईरान के निशाने पर क्या-क्या?
बताया जा रहा है कि ईरान समर्थित लड़ाकों की फौज का पहला टारगेट इजरायल की संसद हो सकती है. इसके साथ ही आईडीएफ के हेडक्वार्टर से लेकर येरूशलम सेंटर और नेतन्याहू के दफ्तर को भी निशाना बनाया जा सकता है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि ईरान की योजना येरूशलम से लेकर तेल अवीव तक तबाही मचाने और इजरायली बॉर्डर को क्रॉस कर कोने-कोने में बारूदी कोहराम मचाने की है. ईरान एक एक करके इस्लामिक संगठनों को अपने साथ जोड़ रहा है और हथियारों की बड़ी खेप जुटा रहा है.
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दावा ये भी किया जा रहा है कि ईरान ने स्पेशल-9 प्लान के तहत लेबनान के हिजबुल्लाह गुट को सबसे पहले जिम्मेदारी दी है, वहीं इसके बाद हौौती और बाकी संगठन वॉर जोन में उतारे जा सकते हैं. येरूशलम पोस्ट के हवाले से भी खबर सामने आयी है कि ईरान इजरायल के खिलाफ हमला करने का तरीका खोज रहा है. इसने इराक, सीरिया और यमन में मिलिशिया को संगठित करने की कोशिश की है.
ईरान सिर्फ इजराइल ही नहीं, बल्कि महाशक्ति अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है क्योंकि अमेरिका की शह पर इजराइली सेना ईरान में मौजूद उसके एटमी सेंटरों को निशाना बनाती है. ईरान के न्यूक्लियर प्रोगाम को रोकने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाती है.
अमेरिका ने ईरान को सीधी धमकी दी है कि अगर गाजा और इजरायल युद्ध में वह शामिल हुआ तो अमेरिका के बारूदी हमला झेलने को तैयार रहे. अमेरिका का कहना है कि वह टू फ्रंट वॉर लड़ने के लिए तैयार है. एक तरफ अमेरिका, हमास से लड़ेगा. इजरायल को हथियार और फंड देगा तो दूसरी तरफ यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ हथियारों की सप्लाई जारी रखेगा.अमेरिका के इसी टू फ्रंट वॉर के किसी भी वक्त महायुद्ध में बदल जाने की संभावना से कोई इनकार नहीं किया जा सकता.
कहा जा रहा है कि इस युद्ध का विस्तार पक्का है. अभी तक गाजा से हमास ने रॉकेट दागने बंद नहीं किये हैं. लेबनान की तरफ से हिजबुल्ला अटैक कर रहा है तो अब यमन से भी इजरायल की धरती को दहलाने के लिए मिसाइलें दागी जाने लगी हैं. अगर इजरायल तीन तरफ पलटवार करेगा तो युद्ध के तीन मोर्चे खुल जाएंगे और जैसे ही तीन मोर्चे खुलेंगे. इस युद्ध में कई और किरदारों की एंट्री होगी. यानी गाजा युद्ध से महायुद्ध की शुरुआत मुमकिन है.
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