शेख हसीना को मौत की सजा क्या सिर्फ बहाना... भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे मोहम्मद यूनुस और आसिम मुनीर?

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद, बांग्लादेश और पाकिस्तान जो एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे अब गलबहियां कर रहे हैं. पाकिस्तान ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर डोरे डालना शुरू कर दिए हैं, क्योंकि उसे बांग्लादेश के कंधे पर बंदूक रखकर भारत पर निशाना साधना है. और मोहम्मद यूनुस इस झांसे मेंं आ गए.

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मोहम्मद यूनुस (L), शेख हसीना (M) और असीम मुनीर. (File Photo: PTI) मोहम्मद यूनुस (L), शेख हसीना (M) और असीम मुनीर. (File Photo: PTI)

आजतक ब्यूरो

  • ढाका,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:36 AM IST

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वहां की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई है. क्या यह बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार और पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के बीच भारत के खिलाफ किसी बहुत बड़ी प्लानिंग का हिस्सा? क्योंकि शेख हसीना को भारत ने पनाह दे रखी है. क्यों बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पाकिस्तान समेत दुनियाभर के मौलाना जुटे हुए हैं? आइए जानते हैं....

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करीब-करीब साढे़ 15 महीने बाद, बांग्लादेश एक बार फिर से सुलग उठा है. बांग्लादेश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. सड़कों पर आगजनी हो रही है. एक तरफ मोहम्मद यूनुस की फौज सड़कों पर है, तो दूसरी तरफ शेख हसीना के समर्थक राजधानी ढाका की सड़कों पर उतर आए हैं. इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में शेख हसीना के खिलाफ जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, उनके समर्थकों ने यूनुस सरकार के खिलाफ यलगार छेड़ दी. ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया और उन्हें मौत की सजा सुनाई. 17 नवंबर को उनकी शादी की सालगिरह भी होती है.

शेख हसीना को दो मामलों में मौत की सजा

बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को 5 मामलों में आरोपी बनाया है. उन पर जो 5 आरोप तय हुए हैं, उनमें- हत्याओं का आदेश देना, भड़काऊ भाषण देकर हिंसा कराना, न्याय में बाधा डालना और सबूत मिटाने की कोशिश, छात्र अबु सईद की हत्या का आदेश देना और चांखारपुल में 5 लोगों की हत्या कराकर उनकी लाशें जलाना शामिल हैं. आईसीटी ने शेख हसीना को आरोप 1, 2 और 3 में दोषी करार दिया और पहले दो आरोपों में मौत की सजा सुना दी.

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जब इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में शेख हसीना की मौत की सजा का फैसला लिखा जा रहा था, यूनुस सरकार नया गेम करती है. हसीना के समर्थकों की आवाज दबाने के लिए अंतरिम सरकार ने प्रदर्शनकारियों का एक और धड़ा खड़ा कर दिया. ये धड़ा शेख हसीना के लिए फांसी की सजा की मांग करता है, और बुलडोजर लेकर शेख हसीना के पिता, शेख मुजीबुर्रहमान के घर यानी उनके मेमोरियल बिल्डिंग पर धावा बोलता है. और बाकायदा प्रदर्शनकारियों के इस धड़े को, यूनुस सरकार की तरफ से, पुलिस सुरक्षा तक दी जाती है.

शेख हसीना 5 अगस्त, 2024 से भारत में हैं

बता दें कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद, शेख हसीना और वहां के पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने देश छोड़ दिया था. दोनों नेता पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं. शेख हसीना के खिलाफ 453 पेज का जजमेंट लिखते हुए, इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूपल ने उन्हें मौत की सजा सुनाई. सरकारी वकील ने दलील दी कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री रहते हुए बीते साल जुलाई और अगस्त के दौरान 1,400 लोगों की हत्या कराई. बांग्लादेश में सरकारी वकील ने कहा कि इन मौतों की जिम्मेदार शेख हसीना हैं. शेख हसीना मौत की सजा के खिलाफ 30 दिन के अंदर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकती हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें पहले बांग्लादेश लौटकर गिरफ्तारी या सरेंडर करना होगा.

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यूनुस सरकार में ICT के जजों की नियुक्ति

पूर्व राजनयिक शोक सज्जनार के मुताबिक, 'बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में जो जज शामिल हैं, वे सभी मोहम्मद यूनुस के द्वारा ही चुने गए हैं, और ये वही करेंगे जो वह चाहेंगे. शेख हसीना ने पहले भी कहा था कि जो हुआ बहुत ट्रैजिक था, और उन्हें उसपर पछतावा है. लेकिन इसमें कोई भी ऐसा सबूत नहीं पेश किया गया है, जिसमें स्थापित हो कि शेख हसीना ने हत्या के आदेश दिये थे.' अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के कार्यालय से बयान जारी करके कहा गया है, 'भारत और बांग्लादेश के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है, उसके मुताबिक ये भारत की जिम्मेदारी बनती है कि वो शेख हसीना को बांग्लादेश के हवाले करे.' भारत की तरफ से भी जवाब दे दिया गया है.

शेख हसीना ने ICT को बताया फर्जी अदालत

पूर्व राजनयिक वीना सीकरी कहती हैं, 'ये फैसला किसी इंटरनेशनल कोर्ट की तरफ से नहीं दिया गया है, ये लोग कह रहे हैं 2024 के छात्र आंदोलन में 1400 लोग मरे हैं, लेकिन कोई सबूत नहीं है.' शेख हसीना ने भी मोहम्मद यूनुस सरकार को जवाब दिया है. उन्होंने कहा, 'ये फैसला गलत, पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है. ये फैसला ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है जिसे एक गैर-निर्वाचित सरकार चला रही है और जिसके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है. यह एक फर्जी और तथाकथित इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल है. ये पूरा मामला असली घटनाओं की जांच नहीं, बल्कि आवामी लीग को निशाना बनाने की कोशिश है. मोहम्मद यूनुस को किसी ने चुना नहीं है. बांग्लादेश का अगला चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए.'

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आवामी लीग का 18 नवंबर को बांग्लादेश बंद

शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ 18 नवंबर को बांग्लादेश बंद का एलान भी कर दिया है. अब सवाल ये है कि मोहम्मद यूनुस की सरकार ने शेख हसीना को सीधे मौत की सजा ही क्यों सुनवाई? तो आइए इसके पीछे की साजिश को डिकोड करते हैं. शेख हसीना के तख्तापलट से लेकर अब तक, अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की दिलचस्पी बांग्लादेश में चुनाव कराने से ज्यादा उसे पाकिस्तान से भी बड़ा कट्टरपंथी इस्लामिक देश बनाने में दिख रही है. यूनुस राज में ढाका में पाकिस्तान के कट्टरपंथियों समेत भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रचने वाले दुश्मनों का रेड कार्पेट वेलकम होता है. 

बांग्लादेश में पाकिस्तानी फौज और ISI सक्रिय

खुद यूनुस की नाक के नीचे भारत विरोधी बयान दिए जाते हैं. मानो पाकिस्तानी फौज से लेकर उसकी खुफिया एजेंसी ISI के लोग बांग्लादेश को पहले की तरह, अपना पूर्वी हिस्सा मानकर, निजी जागीर समझ रहे हैं. अभी दुनियाभर के मौलवी बांग्लादेश में एक सम्मेलन के लिए पहुंचे थे. सभी ने ईशनिंदा कानून को बांग्लादेश समेत हर जगह लागू करने की मांग की. कट्टरपंथियों की मॉर्डन लेबोरेट्री बन चुके बांग्लादेश के सोहरावर्दी गार्डन में जो भीड़ जुटी, उसमें तीन दर्जन यानी करीब 36 मौलाना तो अकेले पाकिस्तान से पहुंचे थे. ढाका के मौलवी सम्मेलन में पाकिस्तान के कट्टरपंथी मौलाना फजुर्रहमान उर्फ डीजल भी पहुंचा और पाकिस्तान को बांग्लादेश का भाई बताया.

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बांग्लादेश ना भूले भारत ने ही दिलाई है आजादी

बता दें कि शेख हसीना के तख्तापलट के बाद, बांग्लादेश और पाकिस्तान जो एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे, अब एक दूसरे के करीब आने की कोशिश कर रहे हैं. पाकिस्तान ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर डोरे डालना शुरू कर दिए हैं. क्योंकि पाकिस्तान चाहता है कि वह बांग्लादेश के कंधे पर बंदूक रखकर भारत पर निशाना साधे और मोहम्मद यूनुस इस झांसे मेंं आ गए. रक्षा विशेषक्ष मेजर जनरल संजय मेस्टन (रिटा.) के मुताबिक, 'पाकिस्तान, बांग्लादेश के जरिए भारत में आतंक फैलाना चाहता है. इसलिए उसने बांग्लादेश में कंटरपंथ को बढ़ावा देना शुरू किया है. लेकिन बांग्लादेश को ये नहीं भूलना चाहिए कि जो उसके कंधे पर बंदूक रखकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देना चाहता है, 1971 में उसी पाकिस्तान से भारत ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी.'

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