'इतना टैरिफ लगाएंगे कि इकोनॉमी क्रैश हो जाएगी...', ट्रंप के करीबी ने भारत और चीन को दी वॉर्निंग

अमेरिकी सीनेटर ग्राहम ने कहा कि अगर इन देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो उन पर बेतहाशा टैरिफ लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप सरकार रूस से तेल आयात किए जाने पर गंभीरता से गौर करते हुए 100 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना बना रही है.

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ट्रंप के करीबी ने दी भारत और चीन को धमकी (Photo: Reuters) ट्रंप के करीबी ने दी भारत और चीन को धमकी (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी लिंडसे ग्राहम (Lindsey Graham) ने भारत, चीन और ब्राजील को खुली चुनौती दी है. ट्रंप ने रूस के साथ व्यापार रिश्तों को लेकर यह वॉर्निंग दी है.

ग्राहम ने कहा कि अगर भारत, चीन और ब्राजील ने रूस के साथ व्यापारिक रिश्तों को बनाए रखा तो इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं को तबाह कर देंगे.

अमेरिकी सीनेटर ग्राहम ने कहा कि अगर इन देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो उन पर बेतहाशा टैरिफ लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप सरकार रूस से तेल आयात किए जाने पर गंभीरता से गौर करते हुए 100 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना बना रही है.

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ग्राहम ने कहा कि भारत, चीन और ब्राजील दरअसल रूस से लगभग 80 फीसदी तेल आयात कर रहे हैं. इन देशों द्वारा रूस का तेल खरीदने से यूक्रेन युद्ध में पुतिन को आर्थिक मदद मिल रही है.

ट्रंप के सहयोगी ग्राहम ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि राष्ट्रपति ऐसे देशों चीन, भारत और ब्राजील पर रूस का तेल खरीदने की वजह से टैरिफ लगाने जा रही है. मैं यहां चीन, भारत और ब्राजील से कहना चाहता हूं कि अगर आप इसी तरह रूस से सस्ता तेल खरीदते रहे तो ये युद्ध यूं ही चलता रहेगा. हम आपको तबाह कर देंगे, आपकी इकोनॉमी को नेस्तनाबूद कर देंगे.

बता दें कि ग्राहम वही रिपब्लिकन सीनेटर हैं, जिन्होंने रूस से ट्रेड करने वाले देशों पर 500 फीसदी टैरिफ लगाने वाला बिल प्रस्तावित किया था.

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पुतिन पर जमकर बरसे ग्राहम

ट्रंप के करीबी ग्राहम ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है. उनकी अर्थव्यवस्था तबाह होने वाली है. हम यूक्रेन को इतने हथियार देंगे कि यूक्रेन डटकर पुतिन का सामना करेगा.

उन्होंने कहा कि पुतिन उन देशों पर कब्जा करना चाहते हैं, जिन पर उनका कोई अधिकार नहीं है. 90 के दशक के मध्य में यूक्रेन ने इस वादे के बाद अपने 1700 परमाणु हथियार छोड़ दिए थे कि उनकी संप्रभुता का सम्मान किया जाएगा. लेकिन पुतिन ने वह वादा तोड़ दिया.

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