अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने यूक्रेन पर रूसी हमले की कड़ी निंदा की है. एक कार्यक्रम में बोलते हुए बुश ने पहली बार रूसी हमले की निंदा की. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को निरंकुश बताते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की तुलना ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल से की. लेकिन इसी कार्यक्रम के दौरान उनकी जुबान फिसली और गलती से उन्होंने यूक्रेन की जगह इराक का नाम लेते हुए उस पर हमले की निंदा करनी शुरू कर दी.
बुश ने दक्षिणी मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी में अपने राष्ट्रपति केंद्र में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जिस तरह से देश चुनाव करते हैं, उससे ये संकेत मिलता है कि उनके नेता अपने लोगों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे और वो देश दूसरे देशों के प्रति कैसा व्यवहार करेगा. ये बात हमें यूक्रेन को देखकर समझ आ रही है.'
बुश ने वोलोदिमीर जेलेंस्की को 'कूल लिटिल मैन' और '21 वीं सदी का चर्चिल' कहकर संबोधित करते हुए कहा कि जेलेंस्की को लोगों ने बहुमत से चुना था और वो रूसी आक्रमण के खिलाफ अपने देश की रक्षा करने के लिए सशक्त हैं.
अपने 10 मिनट के भाषण के दौरान बुश ने पुतिन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने रूस में असंतोष को क्रूरता से दबा दिया और अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है.
उन्होंने आगे कहा, 'इसका परिणाम ये हुआ है कि रूस में नियंत्रण और संतुलन नहीं रहा है.' इसी दौरान बुश की जुबान फिसली और उन्होंने कहा, 'इराक पर आक्रमण करने का ये एक व्यक्ति का पूरी तरह से अनुचित और क्रूर निर्णय है.....मेरा मतलब है यूक्रेन पर आक्रमण करने का...'
उनकी ये बात सुन दर्शकों की हंसी फूट पड़ी जिसके बाद बुश ने दबी जुबान में कहा, 'इराक भी.' बुश ने अपनी फिसलती जुबान का दोष अपनी उम्र पर मढ़ते हुए जब दर्शकों के बीच अपनी उम्र 75 साल का जिक्र किया तो लोग फिर से हंस पड़े.
बुश ने ही साल 2003 में इराक पर हमले के आदेश दिए थे. आलोचक इसे क्रूर और अनुचित आक्रमण बताते हैं. इराक युद्ध में चार हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए और इराक के 10 हजार से अधिक नागरिक भी मारे गए.
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