शुक्रवार को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता होने वाली है जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें हैं. इससे ठीक पहले यूरोप के नेताओं ने यूक्रेन के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है जिससे ट्रंप का रूस-यूक्रेन युद्ध सुलझाने का प्लान बिगड़ने की आशंका है. यूरोप के नेताओं ने कह दिया है कि यूक्रेन के लोगों को अपना भविष्य तय करने की आजादी होनी चाहिए.
नेताओं ने कहा, 'सार्थक बातचीत केवल युद्ध विराम या शत्रुता में कमी के संदर्भ में ही हो सकती है. हमारा विश्वास है कि इसका एक ही राजनयिक समाधान है और वो कि यूक्रेन और यूरोप के महत्वपूर्ण सुरक्षा हितों की रक्षा हो.'
यूरोप के नेताओं के बीच इस वक्तव्य पर सोमवार को देर से सहमति बनी और मंगलवार को इसे प्रकाशित किया गया है. हंगरी को छोड़कर सभी यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं ने इसे समर्थन दिया है.
सोमवार को ट्रंप ने कहा था कि वो और रूसी राष्ट्रपति अपनी बैठक में जमीन की अदला-बदली पर चर्चा करेंगे.
पुतिन और ट्रंप की शिखर वार्ता से यूरोप और यूक्रेन चिंतित हैं. उन्हें डर है कि ट्रंप के साथ बातचीत में पुतिन अपने लिए रियायतें हासिल कर लेंगे और यूरोप, यूक्रेन के बिना ही शांति समझौते की रूपरेखा तय कर सकते हैं. यूरोपीय देश ट्रंप के बयान को लेकर फिक्रमंद हैं कि रूस के कब्जे वाली यूक्रेनी जमीन रूस को दी जा सकती है. यह अभी भी साफ नहीं है कि यूक्रेन बैठक में हिस्सा लेगा या नहीं.
मंगलवार के बयान का मकसद यह दिखाना भी है कि यूक्रेन के मसले पर यूरोप एकजुट है. हालांकि, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने ईयू के बयान का समर्थन नहीं किया. ओरबान यूरोप में पुतिन के सबसे करीबी सहयोगी हैं और उन्होंने यूक्रेन के लिए यूरोपीय संघ के समर्थन को रोकने की कोशिश की है. ईयू के 27 नेताओं में से वे अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने बयान को समर्थन देने से इनकार कर दिया.
मंगलवार सुबह जारी बयान में, नेताओं ने कहा, 'हम यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध को समाप्त करने की दिशा में राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों का स्वागत करते हैं. लेकिन यूक्रेन में शांति का रास्ता यूक्रेन के बिना तय नहीं किया जा सकता.'
उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हुए न्यायसंगत और स्थायी शांति होनी चाहिए जो स्थिरता और सुरक्षा लाए, जिसमें स्वतंत्रता, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत शामिल हों. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए.'
रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन को चार क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया है जिनमें से दो क्षेत्र देश के पूर्वी हिस्से में और दो दक्षिणी हिस्से में हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि युद्धविराम तभी होगा जब रूस यूक्रेन की जमीन छोड़ेगा.
ट्रंप ने सोमवार को अपने संबोधन में जेलेंस्की की भी आलोचना की और कहा कि जेलेंस्की के समय युद्ध शुरू हुआ और वो इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर पाए.
इस बीच बुधवार को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज एक वर्चुअल बैठक बुला रहे हैं जिसमें यूरोप के नेता शामिल होंगे. बैठक में यूक्रेन मुद्दे पर ट्रंप को प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी. ट्रंप ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि वो इसमें हिस्सा लेंगे या नहीं, लेकिन उन्होंने कहा, 'पुतिन से मिलने से पहले मैं सबके विचार जानने जा रहा हूं.'
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