ट्रंप की टेक डिनर डिप्लोमेसी! व्हाइट हाउस में कारोबारियों का जमावड़ा, मस्क को No Entry

ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. उन्होंने शपथ लेने के बाद DOGE यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी का ऐलान किया था. इसकी कमान एलॉन मस्क को सौंपी गई थी. इस विभाग में नंबर दो विवेक रामास्वामी थे. लेकिन रामास्वामी ने बाद में इस पद से इस्तीफा दे दिया था. 

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व्हाइट हाउस में ट्रंप की नो एंट्री (Photo: PTI) व्हाइट हाउस में ट्रंप की नो एंट्री (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में गुरुवार रात एक भव्य डिनर पार्टी का आयोजन होना है. इस डिनर पार्टी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से देश के कई दिग्गज टेक कारोबारियों को निमंत्रण भेजा गया है. लेकिन कभी ट्रंप के सिपहसालार रहे एलॉन मस्क को आमंत्रित नहीं किया गया है.

इस डिनर पार्टी में ट्रंप की गेस्ट लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स, एप्पल के सीईओ टिम कुक, मेटा सीईओ मार्क जुकरबर्ग सहित कई बड़े टेक कारोबारी शामिल हैं. लेकिन कभी ट्रंप के करीबी रहे मस्क को इसके लिए इनवाइट नहीं किया गया है. 

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व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रंप की डिनर पार्टी में गूगल के फाउंडर सर्गेइ ब्रिन, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, ऑपनमैन के फाउंडर ग्रेग ब्रॉकमैन, ओरेकल के सीईओ साफरा काट्ज, ब्लू ऑरिजिन के सीईओ डेविड लिम्प, माइक्रॉन के सीईओ संजय मेहरोत्रा, टिब्को सॉफ्टवेयर के चेयरमैन विवेक, स्केल एआई के फाउंडर और सीईओ एलेक्जेंडर वॉन्ग और शिफ्ट4 पेमेंट्स के सीईओ जेयर्ड आइजैकमैन शामिल हैं. 

इस डिनर पार्टी के बाद फर्स्ट लेड मेलानिया ट्रंप की अध्यक्षता में व्हाइट हाउस के न्यू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एजुकेशन टास्क फोर्स की बैठक होगी. 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में ट्रंप के One Big, Beautiful Bill को लेकर मस्क और ट्रंप में मनमुटाव हुआ था, जिसके बाद मस्क और ट्रंप की राहें अलग-अलग हो गई थीं. इस पर मस्क ने कहा था कि मुझे लगता है कि एक बिल बड़ा हो सकता है या वह बेहतरीन हो सकता है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह एक साथ दोनों हो सकता है. 

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इसके बाद मस्क ने DOGE चीफ के तौर पर अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी थी. DOGE का गठन अमेरिका में ब्यूरोक्रेसी को क्लीन करने के मकसद से किया गया था. ट्रंप ने इस डिपार्टमेंट को द मैनहट्टन प्रोजेक्ट बताते हुए कहा था कि इससे चार जुलाई 2026 तक पूरी संघीय ब्यूरोक्रेसी में व्यापक बदलाव आएंगे.

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