अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा में शांति की नई प्लानिंग लेकर सामने आए हैं जिसपर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी राजी हो गए हैं. ट्रंप के नए प्रस्ताव के मुताबिक इजरायल को गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई रोकनी होगी, हमास को जीवित और मृत बंधकों को चरणबद्ध तरीके से वापस करना होगा और उसे हथियार डालने होंगे. प्रस्ताव पर दोनों पक्षों की सहमति के बाद गाजा में मानवीय सहायता की बहाली पर हर रोक-टोक खत्म कर दी जाएगी. बताया जा रहा है कि 20 सूत्री गाजा प्लान फिलिस्तीनी राष्ट्र के निर्माण का रास्ता खोलेगा.
ट्रंप ने नेतन्याहू के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गाजा प्लान पेश किया और इस दौरान उन्होंने अपने नए-नए खास बने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भी जिक्र किया. ट्रंप ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल शुरू से ही हमारे साथ रहे हैं... वो बेहद शानदार हैं. उन्होंने बयान जारी किया है कि वो इस प्लान को लेकर हमारे साथ हैं. उन्होंने पूरी तरह से इस प्लान का समर्थन किया है.'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक ट्वीट कर ट्रंप के गाजा प्लान का समर्थन किया है. पाकिस्तान ने इजरायल को अब तक एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी है और गाजा में इजरायली हमलों को 'नरसंहार' बताता आया है.
शहबाज शरीफ या पाकिस्तान के मंत्री अब तक इजरायल के लिए 'जायोनिस्ट रिजीम' शब्द का इस्तेमाल करते आए थे. शहबाज शरीफ का कहना था कि वो कभी भी जायोनिस्ट रिजीम यानी इजरायल को एक देश के रूप में मान्यता नहीं देंगे.
लेकिन अब वो टू स्टेट सॉल्यूशन की बात कर रहे हैं जिसका मतलब है कि पाकिस्तान इजरायल को मान्यता देने के लिए तैयार है. शहबाज शरीफ के इस बदले सुर की पाकिस्तान में खूब आलोचना हो रही है.
ट्रंप के गाजा प्लान की भर-भर कर तारीफ करते हुए शहबाज शरीफ ने एक्स पर लिखा, 'मैं राष्ट्रपति ट्रंप की 20 सूत्रीय योजना का स्वागत करता हूं, जिसका मकसद गाजा युद्ध को समाप्त करना है. मुझे यह भी विश्वास है कि फिलिस्तीनी जनता और इजरायल के बीच स्थायी शांति ही इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास लाने के लिए जरूरी है.'
शहबाज ने लिखा, 'मुझे पूरा यकीन है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस अत्यंत महत्वपूर्ण और तात्कालिक समझौते को वास्तविकता में बदलने के लिए हर संभव मदद के लिए पूरी तरह तैयार हैं. मैं राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व और इस युद्ध को समाप्त करने में विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की अहम भूमिका की सराहना करता हूं.'
शहबाज शरीफ ने आगे लिखा कि 'मैं मानता हूं कि क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए टू-स्टेट सॉल्यूशन को लागू करना बेहद जरूरी है.'
ट्रंप के गाजा प्लान को समर्थन देने और इजरायल को लेकर शहबाज शरीफ के बदले सुर की पाकिस्तान में काफी आलोचना हो रही है.
नईम उर रहमानी नाम के एक वेरिफाइड पाकिस्तानी यूजर ने शहबाज शरीफ की आलोचना करते हुए लिखा, 'हम प्रधानमंत्री के बयान को सख्ती से खारिज करते हैं. संयुक्त राष्ट्र का चार्टर साफ कहता है कि अगर किसी देश की जमीन पर कब्जा किया गया है, तो उसे सशस्त्र संघर्ष का अधिकार है, और कोई भी ताकत इस अधिकार को जबरदस्ती छीन नहीं सकती.'
यूजर ने आगे लिखा, '66,000 शहीद फिलिस्तीनियों की लाशों पर खड़े होकर किसी तथाकथित शांति प्रस्ताव की तारीफ करना दरअसल गुनहगारों का साथ देना है. पाकिस्तानी कौम की इच्छा और सहमति के बिना, कोई इंसान किस हक से डोनाल्ड ट्रंप की बोली बोलने की जुर्रत कर सकता है?'
शहबाज शरीफ के एक वेरिफाइड पैरोडी अकाउंट से शहबाज शरीफ के ट्वीट पर तंज कसते हुए लिखा गया, 'इस ट्वीट को डोनाल्ड ट्रंप के ऑफिस की तरफ से मेरे लिए लिखा गया है.'
जिम्मी वर्क नाम के एक वेरिफाइड यूजर ने शहबाज शरीफ को क्राइम-मिनिस्टर बताते हुए लिखा, 'डियर क्राइम मिनिस्टर, टू-स्टेट सॉल्यूशन से आपका मतलब क्या है? क्या आप खुद इसे समझते भी हैं? गाजा पट्टी को इजरायल ने तबाह कर दिया है. वेस्ट बैंक पर लगातार हमले हो रहे हैं. ऐसे में फिलिस्तीनी राज्य कहां बनाया जाएगा? नेतन्याहू न तो टू-स्टेट सॉल्यूशन चाहते हैं और न ही वन-स्टेट सॉल्यूशन. वो तो नो-स्टेट सॉल्यूशन चाहते हैं- यानी फिलिस्तीनियों के लिए कोई जगह ही न बचे, सबकुछ सिर्फ इजरायल के लिए.'
सिदरा हिजाजी नाम की एक वेरिफाइड यूजर ने शहबाज शरीफ की कड़ी आलोचना करते हुए लिखा, 'आपको क्या हो गया है? क्या इसी वजह से आप अपने साथ इजरायल का समर्थन करने वाले डेलीगेट्स अमेरिका ले गए थे? खुदा के लिए, इजरायल नाम की कोई चीज मौजूद ही नहीं है! आप ही के लोग इमरान खान को इजरायली एजेंट कहते थे और अब अमेरिका जाकर उन्हीं गासिबों (कब्जा करने वालों) को मान्यता दे बैठे हो. शर्म आनी चाहिए!'
पाकिस्तानी मूल के एक अमेरिकी यूजर ने लिखा, 'यह कोई जंग नहीं है… यह तो नरसंहार है! तुमने मासूम मुसलमानों और बच्चों के नरसंहार पर सौदेबाजी की है.'
एक और पाकिस्तानी यूजर ने लिखा, 'तुम्हारे अपने ही देश में कोई तुम्हारी बात नहीं मानता- फिर तुम कौन होते हो फिलिस्तीन के लिए फैसले करने वाले?'
पाकिस्तान की एक महिला यूजर लिखती हैं, 'आपके इस बयान से मुझे बिल्कुल हैरानी नहीं है! आपने अफगानिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी ताकतों का गंदा काम किया था और अब वही दोबारा कर रहे हो. मुस्लिम मुल्क होने का दावा बस नाम का रह गया है.'
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