संकट में घिरे तो मुइज्जू ने फिर जिनपिंग के आगे टेके घुटने, चीन ने तिब्बत से भेज दिया दान में पानी

बीते साल नवंबर में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन यान जिन्हाई मालदीव के दौरे पर गए थे. इस दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात के दौरान मुइज्जू ने उन्हें देश में भयावह होते जा रहे जल संकट से वाकिफ कराया था. इसके बाद चीन ने मालदीव को 1500 टन पीने का पानी भेजा है.

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मुइज्जू ने चीन से की अपील मुइज्जू ने चीन से की अपील

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST

मालदीव एक बार फिर भीषण जल संकट से गुजर रहा है. आलम ये है कि मालदीव ने मदद के लिए एक बार फिर चीन के सामने हाथ फैलाया था. इसके बाद अब चीन ने मालदीव को 1500 टन पीने का पानी भेजा है. दिलचस्प बात ये है कि ये तिब्बत के ग्लेशियर का जमा हुआ पानी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव का कहना है कि उन्हें चीन से 1500 टन पीने के पानी की खेप मिली है. मालदीव को की गई ये मदद बीते साल नवंबर में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन यान जिन्हाई के माले दौरे के दौरान बनी सहमति के बाद की गई है. इस दौरान जिन्हाई ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की थी. उसी वक्त मुइज्जू ने उन्हें देश में भयावह होते जा रहे जल संकट से वाकिफ कराया था. 

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ग्लेशियर का पानी अत्यधिक साफ और खनिजों से भरपूर होता है. तिब्बत का शिजांग स्वायत्त क्षेत्र उच्च गुणवत्ता के पानी के लिए जाना जाता है. 

अब तक मालदीव की तीन बार मदद कर चुका है चीन

ये कोई पहली बार नहीं है, जब चीन ने अपने दोस्त मालदीव की मदद की है. इससे पहले चीन और मालदीव के तहत समझौता हुआ था, जिसके तहत चीन, मालदीव को आधुनिक सैन्य उपकरण और सैन्य मदद कर रहा है. दरअसल चीन और मालदीव के बीच दो सैन्य समझौते हुए थे. इन समझौतों को इन मुल्कों के द्विपक्षीय संबंधों का न्याय अध्याय बताया जा रहा है.

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इसके अलावा चीन के शोध जहाज शियांग यांग हॉन्ग-3 को लेकर भी एक समझौता हुआ है. यह जहाज हाल ही में मालदीव पहुंचा था. इसे चीन का जासूसी जहाज भी कहा गया. दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से भारतीय सागर क्षेत्र में समुद्री अनुसंधान प्रभावित हो सकता है. वहीं, भारत के मालदीव बायकॉट के बाद मुइज्जू ने देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए चीन से मदद की गुहार भी लगाई थी.

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भारत ने नीर ऑपरेशन के तहत की थी मालदीव की मदद

मालदीव 2014 में भी इसी तरह के जल संकट का सामना कर रहा था. उस समय मालदीव ने भारत से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद 12 घंटे के भीतर भारतीय वायुसेना के विमान से पहली खेप के तहत 375 टन पीने का पानी माले पहुंचा था. इसके बाद नौसेना के आईएनएस दीपक और आईएनएस सुकन्या जहाजों से अतिरिक्त 2000 टन पानी भी पहुंचाया गया था. 

भारत और मालदीव के बीच तनाव

प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया हुआ है. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था. 

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दोनों देशों के इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के पांच दिन के राजकीय दौरे पर चले गए थे. इस दौरे से लौटने पर मुइज्जू ने लगातार भारत पर निशाना साधा. मुइज्जू ने मालदीव लौटते ही दो टूक कह दिया था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है.

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इसके बाद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिकों को हटाने को कहा था, जिसके बाद भारत ने अपने सैनिकों को वहां से वापस बुला लिया था.

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