'MAGA' की तर्ज पर 'MIGA' की अपील... ईरान में सत्ता परिवर्तन की चेतावनी के बीच ये क्या बोल गए ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर बड़ी एयरस्ट्राइक के बाद 'Make Iran Great Again' (MIGA) का नारा दिया है. ट्रंप ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला एक जबरदस्त सैन्य सफलता थी. ट्रंप ने बताया कि कुल 420,000 पाउंड के बंकर बस्टर बम गिराने वाले B-2 बॉम्बर्स सुरक्षित अमेरिका लौट चुके हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो) डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:32 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो समेत तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक को ऐतिहासिक सैन्य सफलता बताया है और इसी मौके पर उन्होंने एक नया नारा दिया है - MIGA, यानी “Make Iran Great Again” ट्रंप ने यह नारा अपने मशहूर नारे MAGA (Make America Great Again) की तर्ज पर दिया है, और वह इस तरह के नारे अक्सर देते रहते हैं. फिलहाल उन्होंने ऐसा तब कहा है जब इजरायल की तरफ से ईरान में शासन परिवर्तन की कोशिश की जा रही है.

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ट्रंप ने रविवार को कहा, "शासन परिवर्तन शब्द का इस्तेमाल करना राजनीतिक रूप से ठीक नहीं है, लेकिन अगर मौजूदा ईरानी शासन ईरान को फिर से महान नहीं बना सकता, तो फिर शासन परिवर्तन क्यों नहीं हो सकता?" इसी बयान के साथ उन्होंने MIGA का ऐलान किया.

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हमारी सैन्य शक्ति और तैयारी का शानदार उदाहरण- ट्रंप

ट्रंप ने एयरस्ट्राइक के बाद अपने बयान में अमेरिकी सैन्य बलों की प्रशंसा करते हुए कहा, "हमारे पायलटों ने बेहतरीन कौशल का प्रदर्शन किया. सभी B-2 बॉम्बर्स अब सुरक्षित मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस पर लौट आए हैं. यह हमारी सैन्य शक्ति और तैयारी का शानदार उदाहरण है."

एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम सात B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स ने मिसौरी में सुरक्षित लैंडिंग की है. ट्रंप ने इन पायलटों को धन्यवाद देते हुए कहा, "आपने बहुत अच्छा काम किया. अमेरिका को आप पर गर्व है." उन्होंने इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया ट्रुथ पर शेयर किया है.

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ईरान पर हमले को लेकर ट्रंप की आलोचना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर हमले से पहले रिपब्लिकन पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग की थी, और उन्होंने डेमोक्रेट्स के साथ या पार्टी के अन्य कांग्रेस सांसदों के साथ इसकी चर्चा नहीं की, जिसकी आलोचना भी हो रही है. ट्रंप की आलोचना में कहा गया है कि हमले से पहले उन्हें चर्चा करनी चाहिए थी. इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि इस मिशन का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना था, जिसे इजरायल अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और पिछले हफ्ते से लगातार ईरानी ठिकानों पर हमले कर रहा है.

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अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर कैसे किया हमला?

अमेरिकी वायुसेना द्वारा किए गए इस हमले को ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ नाम दिया गया था. इस अभियान में 30,000 पाउंड वजन वाले बंकर-बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया. अमेरिकी सीमा से उड़ान भरते हुए, बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने कुल 420,000 पाउंड विस्फोटक लोड किया था, जिसमें ईंधन भरने वाले टैंकरों और लड़ाकू विमानों के बेड़े ने भी मदद की. अमेरिकी पायलटों ने दो प्रमुख भूमिगत यूरेनियम संवर्धन साइट को निशाना बनाया, जबकि अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी ने एक अन्य साइट पर दर्जनों क्रूज मिसाइलें दागीं.

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अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, यह एक "सटीक हमला" था जिसने "ईरानी परमाणु कार्यक्रम को तबाह कर दिया." हालांकि, ईरान ने इन दावों से इनकार किया है और कहा है कि कोई खास नुकसान नहीं हुआ है. ईरान ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह इस हमले का जवाब देगा. ईरान की तरफ से जवाब में फिलहाल बड़ा हमला नहीं हुआ है, लेकिन ईरानी अधिकारियों ने यह साफ कर दिया है कि जवाब जरूर दिया जाएगा. फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हमले को लेकर चिंता बढ़ गई है और तनाव चरम पर पहुंच गया है.

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