ट्रंप ने 7 देशों के बाद ब्राजील पर भी फोड़ा टैरिफ बम... लगाया 50% टैक्स, राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने दी 'आर्थिक प्रतिशोध' की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्राजील पर भी टैरिफ बम फोड़ा और सीधे 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की. इससे पहले उन्होंने अल्जीरिया, इराक, लीबिया, श्रीलंका (30%), ब्रुनेई, मोल्दोवा (25%) और फिलीपींस (20%) के लिए टैरिफ का ऐलान किया था. ये शुल्क 1 अगस्त से लागू होंगे. इसके कुछ घंटे बाद ब्राजील ने भी बदले की चेतावनी दी है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ के जवाब में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने चेतावनी दी है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ के जवाब में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने चेतावनी दी है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को वैश्विक व्यापार मोर्चे पर आक्रामक रुख अपनाते हुए पहले 7 देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके बाद उन्होंने ब्राजील पर भी टैरिफ बम फोड़ा और सीधे 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की. इससे पहले उन्होंने अल्जीरिया, इराक, लीबिया, श्रीलंका (30%), ब्रुनेई, मोल्दोवा (25%) और फिलीपींस (20%) के लिए टैरिफ का ऐलान किया था. ये शुल्क 1 अगस्त से लागू होंगे.

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इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने कड़ा जवाब देते हुए आर्थिक प्रतिकार (Reciprocal Action) की चेतावनी दी है. राष्ट्रपति सिल्वा ने साफ कहा कि अगर अमेरिका ने ब्राजील पर एकतरफा तरीके से आयात शुल्क बढ़ाया, तो ब्राजील भी उसी के जवाब में कदम उठाएगा.

यह बयान तब आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील से आने वाले उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की. ट्रंप ने यह भी कहा कि यह फैसला ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के साथ हो रहे बर्ताव को देखते हुए लिया गया है. बोलसोनारो इस समय तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

राष्ट्रपति लूला के कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'किसी भी देश द्वारा एकतरफा टैरिफ बढ़ोतरी का जवाब ब्राजील आर्थिक पारस्परिकता कानून के तहत देगा.'

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इस बयान के साथ अमेरिका और ब्राजील के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) की आशंका और तेज हो गई है. दरअसल, ट्रंप ने कहा था कि ब्राजील पर लगाया गया यह टैरिफ बोलसोनारो के खिलाफ मुकदमे के विरोध और अनुचित व्यापार संबंधों के कारण है. उनका आरोप है कि ब्राजील अमेरिका के साथ निष्पक्ष व्यापार नहीं कर रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्राजील पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने तीखा जवाब दिया है. लूला के कार्यालय ने एक सख्त बयान जारी करते हुए कहा, "अगर कोई देश एकतरफा तरीके से टैरिफ बढ़ाता है, तो ब्राजील इसका जवाब अपने 'आर्थिक पारस्परिकता कानून' के तहत देगा." यानी अब ब्राजील भी अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर समान या जवाबी शुल्क लगा सकता है.

राष्ट्रपति लूला ने एक्स पर लिखी लंबी-चौड़ी पोस्ट

ट्रंप की घोषणा के बाद लूला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया दी और साफ शब्दों में कहा कि ब्राजील एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है और वह किसी अन्य देश की दखलअंदाजी स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने लिखा, 'ब्राजील एक संप्रभु देश है, जिसकी अपनी स्वतंत्र संस्थाएं हैं. हम किसी भी प्रकार का बाहरी दखल स्वीकार नहीं करेंगे.'

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ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई पूरी तरह से ब्राजील की न्यायपालिका के अधीन है और इस पर कोई बाहरी दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'तख्तापलट की साजिश रचने वालों पर चल रहे मुकदमे ब्राजील की अदालतों का विषय हैं, और उन पर न तो कोई धमकी और न ही कोई बाहरी हस्तक्षेप असर डालेगा."

राष्ट्रपति लूला ने यह भी कहा कि ब्राजील में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब हिंसा, आक्रामकता या नफरत फैलाना नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्राजील किसी भी तरह के ऑनलाइन हेट स्पीच, नस्लवाद, बाल शोषण या अन्य किसी प्रकार के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा. देश में काम करने वाली सभी कंपनियों चाहे वे ब्राज़ीलियाई हों या विदेशी, को ब्राजील के कानूनों का पालन करना होगा.

ट्रंप के आरोपों को बताया झूठा

डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील पर अमेरिकी चुनावों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाते हुए टैरिफ लगाने का औचित्य बताया था. इस पर लूला ने पलटवार करते हुए कहा कि ये आरोप निराधार और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले हैं.

उन्होंने अमेरिकी व्यापार घाटे के दावे को भी खारिज करते हुए कहा, "पिछले 15 वर्षों में अमेरिका और ब्राजील के बीच व्यापार में अमेरिका को 410 अरब डॉलर का लाभ हुआ है. यह आंकड़ा खुद अमेरिकी सरकार के आंकड़ों से सिद्ध होता है."

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दक्षिण कोरिया और जापान पर भी असर

इससे पहले सोमवार को ट्रंप ने दक्षिण कोरिया और जापान से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था. उन्होंने कहा कि ये फैसले लंबे समय से लंबित थे और अमेरिकी व्यापार घाटे को संतुलित करने के लिए ज़रूरी हैं.

अब तक 20 से ज़्यादा देश टारगेट

ट्रंप ने इसके बाद अपनी टैरिफ नीति का दायरा बढ़ाते हुए म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाखस्तान, मलेशिया, ट्यूनिशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया और थाईलैंड को भी इस नीति में शामिल कर लिया है. उन्होंने साफ कहा कि जो देश अमेरिका के खिलाफ वर्षों से टैरिफ और गैर-टैरिफ नीति चला रहे हैं, उन्हें इसका जवाब देना होगा. उन्होंने लिखा,
'यह व्यापार घाटा हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.'

अमेरिकी कंपनियों को छूट का ऑफर

ट्रंप ने यह भी कहा कि जो अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपना प्रोडक्शन अमेरिका लाएंगी, उन्हें इन टैरिफ से छूट मिलेगी. लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई देश बदले में टैरिफ लगाएगा, तो अमेरिका और ज्यादा शुल्क बढ़ा देगा.

BRICS को ट्रंप की खुली धमकी

ट्रंप ने खासतौर पर BRICS समूह को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि BRICS अमेरिका को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है. इसलिए जो भी इसमें शामिल है, उन पर जल्द ही 10 प्रतिशत शुल्क लगेगा. इस बयान में भारत, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, और ब्राजील शामिल हैं.

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उन्होंने कहा, 'अगर BRICS डॉलर को कमजोर कर वैश्विक मानक के रूप में हटाना चाहता है, तो उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी. अगर आपके पास स्मार्ट राष्ट्रपति है तो आप डॉलर की स्थिति नहीं खोएंगे. लेकिन अगर पिछली बार जैसा मूर्ख राष्ट्रपति हुआ तो डॉलर भी जाएगा. और डॉलर को खोना मतलब विश्व युद्ध हारना.'

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