मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद बंगाल में 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप बैन, बिक्री रोकने का निर्देश

कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की फर्म के निर्माता को बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. दवा विक्रेताओं के साथ 11 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई गई है, जिससे इस सलाह को मजबूती से लागू किया जा सके.

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मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. (File Photo: ITG) मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 10 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:43 AM IST

पश्चिम बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (BCDA) ने राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री और खरीद को तुरंत रोकने का निर्देश दिया है. यह निर्देश गुरुवार को सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को जारी किया गया है. यह कदम मध्य प्रदेश में इस सिरप का सेवन करने के बाद कथित तौर पर कई बच्चों की मौत के बाद उठाया गया है. 

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BCDA सचिव पृथ्वी बसु ने कहा कि रोकथाम के उपाय के रूप में यह कार्रवाई की गई है. हालांकि, मध्य प्रदेश से जुड़ा बैच बंगाल में नहीं आया है.

इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ के प्रिंसिपल डॉ. जयदेब रॉय ने आंतरिक निष्कर्षों का हवाला दिया है. उनके मुताबिक, सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की उपस्थिति का शक है. ये दोनों रसायन तीव्र गुर्दे की क्षति (Acute Kidney Damage) के लिए जाने जाते हैं. यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना हुई है.

दवा नियंत्रण बोर्ड की सख्ती...

रिपोर्ट्स बताती हैं कि सिरप में प्रोपीलीन ग्लाइकॉल, ग्लिसरीन और सॉर्बिटोल जैसे रसायन होते हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश दिया है कि ये सभी सामग्री केवल अनुमोदित विक्रेताओं से खरीदी जाए. इसके साथ ही, इन्हें सर्टिफाइड लैब में टेस्ट किया जाए और लाइसेंसिंग अथॉरिटी को रिपोर्ट जमा की जाए.

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यह भी पढ़ें: कोल्ड्रिफ कफ सिरप में मिला 48.6% जहरीला केमिकल... तमिलनाडु सरकार फार्मा कंपनी के खिलाफ लेगी क्रिमिनल एक्शन

बिना सलाह बच्चों को दवा देना खतरनाक

बाल रोग विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि कफ सिरप का मनमाना उपयोग खतरनाक हो सकता है. डॉ. जयदेब रॉय ने कहा कि सिरप से बलगम पतला होने पर भी शिशु अक्सर उसे बाहर नहीं निकाल पाते. बिना डॉक्टरी सलाह के ऐसी दवा देना खतरनाक है. उन्होंने इंटरनेट सर्च के आधार पर दवा खरीदने के बढ़ते चलन को भी गहराई से चिंताजनक बताया है.

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