'सिस्टम को पंगु बना दिया...', बंगाल में SIR पर भड़कीं CM ममता, BJP और TMC के बीच जुबानी जंग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर SIR प्रक्रिया को अव्यवस्थित, खतरनाक और बिना तैयारी के बताया, इसे तुरंत रोकने की मांग की. बीजेपी ने आरोप खारिज कर TMC पर कानूनी प्रक्रिया रोकने का आरोप लगाया. TMC ने चुनाव आयोग पर अमानवीय दबाव और कई मौतों की अनदेखी का आरोप लगाया.

Advertisement
SIR को लेकर ममत बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार को लिखी चिट्ठी (Photo: PTI) SIR को लेकर ममत बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार को लिखी चिट्ठी (Photo: PTI)

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 21 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:01 AM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एसआईआर मुद्दे पर चुनाव आयोग के चीफ ज्ञानेश कुमार को कड़े शब्दों में एक लेटर लिखा, जिसमें उन्होंने इस काम को तुरंत रोकने के लिए कहा. उन्होंने इसे अव्यवस्थित, दबाव डालने वाला और खतरनाक प्रोसेस बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 'लिखने के लिए मजबूर' थीं क्योंकि राज्य में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन 'बहुत खतरनाक स्टेज' पर पहुंच गया था. 

Advertisement

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह ड्राइव 'बिना प्लान के, खतरनाक' तरीके से चलाई जा रही थी, जिसने 'पहले दिन से ही सिस्टम को पंगु बना दिया.'

हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि सत्ताधारी TMC राज्य में कानूनी SIR प्रोसेस को रोकने की कोशिश कर रही है.

'बुनियादी तैयारियों के बिना...'

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा, "जिस तरह से यह काम अधिकारियों और नागरिकों पर थोपा जा रहा है, वह न सिर्फ़ बिना प्लान के और अस्त-व्यस्त है, बल्कि खतरनाक भी है. बुनियादी तैयारी, सही प्लानिंग या साफ़ बातचीत की कमी ने इस प्रोसेस को गड़बड़ कर दिया है."

उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया, "बुनियादी तैयारी के बिना अधिकारियों और नागरिकों पर SIR थोपा जा रहा है. ट्रेनिंग में ज़रूरी कमियां हैं. ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स को लेकर कन्फ्यूजन है और बूथ-लेवल अधिकारियों (BLO) का अपने काम के बीच वोटरों से मिलना लगभग नामुमकिन है." उन्होंने चेतावनी दी कि इन नाकामियों ने पूरी प्रक्रिया को स्ट्रक्चर के हिसाब से गलत बना दिया है और इसकी भरोसेमंदी को गंभीर खतरे में डाल दिया है.

Advertisement

'अगर बिना देर किए ठीक नहीं किया गया...'

अब तक के सबसे कड़े शब्दों वाले अपने मैसेज में, ममता बनर्जी ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) से अपील की है कि वे इस मुहिम को रोकने के लिए मज़बूती से दखल दें. ज़बरदस्ती के कदम बंद करें, सही ट्रेनिंग और मदद दें और मौजूदा तरीके और टाइमलाइन की पूरी तरह से फिर से जांच करें.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर इस रास्ते को बिना देर किए ठीक नहीं किया गया, तो सिस्टम, अधिकारियों और नागरिकों के लिए इसके नतीजे ऐसे होंगे, जिन्हें बदला नहीं जा सकता.

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया, “मदद देने या सिस्टम की कमियों को दूर करने के बजाय, पश्चिम बंगाल के CEO ऑफिस ने डराने-धमकाने का सहारा लिया है और दावा किया कि बिना किसी वजह के कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: बंगाल में SIR पर क्या बोले गिरिराज सिंह?

मुख्यमंत्री ने कहा कि BLOs को डिसिप्लिनरी एक्शन की धमकी दी जा रही है क्योंकि कमीशन ज़मीनी हकीकत को मानने से इनकार कर रहा है.

सीएम ने लिखा, “लाखों किसानों और मज़दूरों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे SIR गिनती में हिस्सा लेने के लिए खेत छोड़ देंगे.  उन्होंने जलपाईगुड़ी के माल इलाके में BLO के तौर पर काम कर रही एक आंगनवाड़ी वर्कर की आत्महत्या का ज़िक्र किया, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने 'SIR से जुड़े बहुत ज़्यादा दबाव' में आकर आत्महत्या कर ली थी. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि जिस रिवीजन में कभी तीन साल लगते थे, उसे 'ज़बरदस्ती तीन महीनों में कर दिया गया', जिससे 'काम करने के अमानवीय हालात' और 'डर और अनिश्चितता का साया' पैदा हो गया. सीएम ने दावा किया, “इस बिना प्लान के, ज़बरदस्ती वाले ड्राइव को जारी रखने से न सिर्फ़ और जानें खतरे में पड़ती हैं, बल्कि चुनावी रिवीजन की वैधता भी खतरे में पड़ती है.” 

'कोई भी SIR नहीं रोक सकता...'

दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी के आरोपों को खारिज करते हुए उन पर कानूनी प्रोसेस को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. केंद्रीय मंत्री और BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “कोई भी धमकी, नाटक या झूठ SIR को रोक नहीं सकता. अगर मुख्यमंत्री किसी कानूनी काम से असहज हैं, जो उनकी घुसपैठ की राजनीति को उजागर करता है, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से अपना रुख साफ करना चाहिए या पद छोड़ देना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “अगर मुख्यमंत्री इस सच्चाई को नहीं मान सकतीं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.”

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल: कीटनाशक खाने से व्यक्ति की मौत, SIR को लेकर तनाव में होने का दावा

'30 लोगों की जान जा चुकी है...'

तृणमूल कांग्रेस ने भी BJP की उतनी ही तीखी आलोचना की और EC पर 'अमानवीय जल्दबाज़ी' का आरोप लगाया. TMC के प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने कहा, “EC BLOs के लिए पूरी तरह से अवास्तविक डेडलाइन तय करके अपना अमानवीय पहलू दिखा रहा है और नरेंद्र मोदी सरकार में अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए उन पर भारी और बेरहम काम का दबाव डाल रहा है.” उन्होंने दावा किया कि पोल पैनल ने BLO की मौतों पर 'कोई पछतावा या सहानुभूति' नहीं दिखाई.

Advertisement

टीएमसी लीडर ने आरोप लगाया, “अब तक बंगाल में 30 लोग अपने वोटिंग अधिकार खोने के डर से आत्महत्या या हार्ट अटैक से मर चुके हैं, जिनमें दो BLO भी शामिल हैं जिन्होंने काम के दबाव के कारण अपनी जान दे दी.”

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement