'यूपी उपचुनाव में SP जीती सीटों पर लड़े, बाकी हमारी लिए छोड़े', कांग्रेस की अखिलेश से डिमांड

प्रयागराज में संगठनात्मक बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्वी जोन के प्रभारी राजेश तिवारी ने पार्टी की इच्छा और मंशा भी जता दी. उन्होंने कहा कि जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 5 सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी‌. वह अपनी जीती सीटों पर उपचुनाव लड़े, जबकि पांच अन्य सीटें उसे कांग्रेस के लिए छोड़ देनी चाहिए.

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 कांग्रेस ने यूपी उपचुनाव में सपा से 5 सीटें देने की मांग की है. (PTI Photo) कांग्रेस ने यूपी उपचुनाव में सपा से 5 सीटें देने की मांग की है. (PTI Photo)

कुमार अभिषेक / पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी इस सिलसिले में अपनी संगठनात्मक बैठक की. लेकिन यह मीटिंग लखनऊ के बजाय प्रयागराज में हुई, जिसमें कांग्रेस ने इंडिया ब्लॉक के अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी को साफ-साफ इशारा किया है कि वह उपचुनाव वाली 10 सीटों में से कम से कम 5 पर अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है. बता दें कि सपा और कांग्रेस ने हाल में हुआ लोकसभा चुनाव गठबंधन में लगा था. सपा ने यूपी की 80 में से 37 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थीं. बीजेपी और उसके सहयोगियों के खाते में 33 सीटें आई थीं. 

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प्रयागराज मंडल के पास की दोनों सीटें कांग्रेस पार्टी चाहती है. वह प्रयागराज की फूलपुर सदर और मिर्जापुर की मझवां सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है. संगठनात्मक बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्वी जोन के प्रभारी राजेश तिवारी ने पार्टी की इच्छा और मंशा भी जता दी. राजेश तिवारी ने कहा कि जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 5 सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी‌. वह अपनी जीती सीटों पर उपचुनाव लड़े, जबकि पांच अन्य सीटें उसे कांग्रेस के लिए छोड़ देनी चाहिए.

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फूलपुर समेत 5 सीटों पर कांग्रेस का दावा

उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर उपचुनाव लड़े, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी बात चल रही है. राजेश तिवारी ने कहा कि फूलपुर सदर विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस का मजबूत दावा है. पार्टी में हाई लेवल पर बातचीत चल रही है और पूरी कोशिश है कि यह सीट कांग्रेस को ही मिले. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने फूलपुर सीट के लिए अपने प्रभारी का ऐलान कर दिया है. उन्होंने इंद्रजीत सरोज को फूलपुर का जिम्मा सौंपा है. बीजेपी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को इस सीट का जिम्मा सौंपा है.

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ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस का दावा कितना मजबूत साबित होगा, जब बीजेपी और सपा आमने-सामने हैं और दोनों के बड़े नेता इस सीट पर अपनी जोर-आजमाइश कर रहे हैं. कांग्रेस भले ही दबाव बना रही है, लेकिन सपा उसे गाजियाबाद सदर सीट छोड़कर और कोई सीट देने को तैयार नहीं दिखती. सपा ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ सकती है. दूसरी सीट मिर्जापुर की मझवां हो सकती है. कांग्रेस को उम्मीद है कि वह फूलपुर सीट के लिए सपा को मना लेगी, क्योंकि यह उसकी पुरानी और पुश्तैनी सीट रही है. इस उपचुनाव में कांग्रेस और सपा के गठबंधन और संयम दोनों की अग्निपरीक्षा होगी. कांग्रेस पांच सीटों के लिए सपा पर दबाव बना रही है, अब सपा कितना दबाव झेल पाती है यह देखना दिलचस्प होगा.

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यूपी की इन 10 सीटों पर होने हैं उपचुनाव

यूपी में जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें मझवां, करहल, सीसमऊ, फूलपुर, कटेहरी, मिल्कीपुर, खैर, मीरापुर, कुंदरकी और गाजियाबाद शामिल हैं. पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, सीसमऊ और कुंदरकी सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी ने फूलपुर, खैर और गाजियाबाद सीटें जीती थीं. उसकी सहयोगी निषाद पार्टी ने मझवां सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं जयंत चौधरी की रालोद ने मीरापुर से जीत दर्ज की थी, जो तब सपा की सहयोगी थी. अब आरएलडी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल है.

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