चार बेटों ने उठाई ‘श्रवण कावड़’, माता-पिता को कंधे पर बैठाकर रोज करते हैं 15 km की यात्रा, Video

मेरठ के चार किसान भाइयों ने कांवड़ यात्रा के दौरान माता-पिता को कंधे पर बैठाकर ‘श्रवण कांवड़’ निकाली. इससे पहले ये अपने दादा-दादी को भी यात्रा करा चुके हैं. हरिद्वार से रोजाना 15 किलोमीटर चलकर ये भाई मुजफ्फरनगर पहुंचे. मां उषा देवी ने कहा कि ऐसे बेटे सभी को मिलें. समाज को यह कांवड़ एक बड़ा संदेश दे रही है.

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माता-पिता को कांवड़ यात्रा पर लेकर निकले चार बेटे (Photo: Screengrab) माता-पिता को कांवड़ यात्रा पर लेकर निकले चार बेटे (Photo: Screengrab)

संदीप सैनी

  • मुजफ्फरनगर,
  • 16 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

कांवड़ यात्रा के दौरान जहां एक तरफ रंग-बिरंगी कांवड़ें आकर्षण का केंद्र बनी हैं, वहीं मुजफ्फरनगर में बुधवार को एक ऐसी श्रवण कांवड़ नजर आई, जो समाज को रिश्तों की अहमियत का आइना दिखा रही है. मेरठ के प्रतापनगर निवासी चार किसान भाइयों ने अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर कांवड़ यात्रा शुरू की है.

सुनील, राहुल, सचिन और अनिल नाम के ये चारों भाई हरिद्वार से 9 जुलाई को गंगाजल लेकर चले हैं. वो बारी-बारी से अपनी श्रवण कांवड़ को कंधे पर उठाते हैं. हर दिन लगभग 15 किलोमीटर की यात्रा करते हैं और थकान होने पर जहां जगह मिले, वहीं विश्राम कर लेते हैं.

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बेटों ने माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा शुरू की

इससे पहले ये भाई दो बार अपने दादा-दादी को भी कांवड़ यात्रा करा चुके हैं. अब यह तीसरा साल है जब माता उषा और पिता राजपाल को बैठाकर सावन मास की यात्रा कर रहे हैं.

हर दिन लगभग 15 किलोमीटर की यात्रा करते हैं

शिवभक्त सुनील कुमार ने बताया कि यह श्रवण कुमार कांवड़ है. एक ओर पापा हैं और दूसरी ओर मम्मी. यह यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर मेरठ तक जाएगी. माता उषा देवी ने भावुक होकर कहा कि ये बेटे अपनी मर्जी से उन्हें कांवड़ यात्रा पर लाए हैं और बहुत अच्छा लग रहा है. भगवान ऐसा बेटा सबको दे.

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