नवाब अब्दुल समद का मकबरा या ऐतिहासिक शिव मंदिर... फतेहपुर में हुए बवाल पर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के दावे

फतेहपुर जिले के अबूनगर इलाके मौजूद एक मकबरे को लेकर जबरदस्त बवाल हो गया. हिंदू पक्ष इसे मंदिर बता रहा है. इस बीच आज बड़ी संख्या में बजरंग दल और हिंदू संगठनों के लोग मकबरे के पास पहुंच गए और उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है. फिलहाल, माहौल तनावपूर्ण है.

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फतेहपुर में मकबरे के पास पहुंचे हिंदूवादी संगठन के लोग (photo- screengrab) फतेहपुर में मकबरे के पास पहुंचे हिंदूवादी संगठन के लोग (photo- screengrab)

नीतेश श्रीवास्तव / संतोष शर्मा

  • फतेहपुर ,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

नवाब अब्दुल समद का मकबरा या ऐतिहासिक शिव मंदिर... यूपी के फतेहपुर में इसको लेकर विवाद बढ़ गया है. एक दिन पहले हिंदू संगठनों ने डीएम से इस मकबरे में पूजा-पाठ की इजाजत मांगी थी. हालांकि, इजाजत तो नहीं मिली मगर मकबरे के आसपास बैरिकेडिंग करते हुए भारी फोर्स जरूर तैनात कर दी गई. ऐसे में आज यानी सोमवार को बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठन के लोग मौके पर जमा हो गए और कथित तौर पर मकबरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने लगे. जैसे-तैसे पुलिसवालों ने उन्हें रोका. उधर, मुस्लिम समुदाय के लोग भी मकबरे की ओर बढ़ने लगे. जिससे माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया. फिलहाल, आइए जानते हैं दोनों पक्षों के क्या-क्या दावे हैं और अभी मौजूदा हालात कैसे हैं... 

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दरअसल, फतेहपुर के सदर तहसील क्षेत्र स्थित नवाब अब्दुल समद मकबरे को बीजेपी जिलाध्यक्ष ने मंदिर होने का किया दावा किया है. उन्होंने इसे लगभग एक हजार वर्ष पुराना बताया है. इस मकबरे में ठाकुर जी/शिव मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति और बीजेपी समेत कई हिंदू संगठनों ने 11 अगस्त को पूजा-पाठ करने का किया ऐलान किया था. उन्होंने मंदिर के स्वरूप को बदलकर इसे मकबरा बनाने का आरोप लगाया है. हिंदू संगठनों का कहना है कि मकबरे में कमल के फूल व त्रिशूल बने हैं, इससे पुष्टि होती है ये एक प्राचीन मंदिर था, जिसे बाद में मकबरे में बदल दिया गया. 

बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने कहा कि प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी है. दूसरे समुदाय ने मंदिर को मस्जिद के स्वरूप में करने का काम किया है. ये हमारी आस्था का केंद्र है, इसलिए हम लोग हर कीमत में मंदिर में पूजा-पाठ करेंगे. अवैध कब्जा सनातनी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. कुछ भी होगा वो प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. 

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उलेमा काउंसिल ने कही ये बात 

वहीं, राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के मोहम्मद नसीम ने कहा कि फतेहपुर की घटना बहुत निंदनीय है. सैकड़ों साल पुराना हमारा मकबरा है. सरकारी दस्तावेज में 753 नंबर खतौनी में ये जमीन दर्ज है. लेकिन मठ संघर्ष समिति और कुछ संगठनों ने अब उसकी भी खुदाई का ऐलान कर दिया है. उसे ठाकुर जी का मंदिर कहकर तमाशा किया जा रहा है. जिले का माहौल खराब किया जा रहा है. मेरी प्रशासन और सरकार से अपील है कि क्या हर मस्जिद और मकबरे के नीचे मंदिर ढूंढा जाएगा. ये लोकतंत्र नहीं, राजतंत्र है. हम लोग इसको लेकर आंदोलन करेंगे. 

उधर, नगर पालिका परिषद के जेई अविनाश पांडेय ने बीते दिन कहा था कि जिला अधिकारी के आदेश पर हम लोग यहां पर बैरिकेडिंग कर रहे हैं, ताकि कोई भी भीड़ या कोई भी आदमी इसको क्रॉस ना कर सके. बाकी प्रशासन को भी हम लोगों को पूरा सहयोग है और पुलिस की भी काफी अच्छी व्यवस्था है. फोर्स के द्वारा हम इस परिसर को सुरक्षित कर रहे हैं. मालूम चला है कि हिंदू संगठन द्वारा मकबरे में पूजा करने का ऐलान किया गया है. लेकिन इसकी इजाजत नहीं है. मगर आज प्रशासन के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए और भारी संख्या में हिंदू संगठन के लोग यहां पहुंच गए, साथ में तोड़फोड़ भी की. देखें वीडियो- 

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वीएचपी का बयान 

वीएचपी के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने बताया फतेहपुर जनपद के सदर कोतवाली के अंतर्गत अबू नगर रेडइया में एक अति प्राचीन भगवान भोलेनाथ का मंदिर था. श्री कृष्ण जी का मंदिर था. लेकिन कुछ अराजक तत्वों के द्वारा उसके स्वरूप बदलने की कोशिश की गई है. आने वाले जन्माष्टमी की तैयारी के लिए 11 अगस्त को डाक बंगले में बड़ी संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबियों को एकत्रित करके कथित मकबरे में पूजा-पाठ शुरू की जाएगी. इसकी साफ सफाई कर इसको अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. हमारी मांग है कि जो अराजकतत्वों द्वारा मंदिर का स्वरूप बदलने की कुचेष्टा की गई है उसको दंडित किया जाए और पुनः उसे हिंदुओं को सौंपा जाए. अपनी मांग के लिए हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. हम अपने धर्म और धार्मिक स्थानों की रक्षा करने का संकल्प ले चुके हैं और इसको पूरा करके ही मानेंगे. 

फिलहाल, जिला प्रशासन से वार्ता हो रही है, बराबर बात हो रही है. जिला प्रशासन को हमने 10 दिन पहले ही कहा था कि आप अपने राजस्व विभाग के द्वारा इसको दिखवा लीजिए लेकिन प्रशासन तो मस्ती में रहता है. कोई सुनवाई नहीं हुई. उनके कान में जू नहीं रेंगी. जो व्यक्ति कहता है कि यह मंदिर नहीं है, कोई दूसरा है, तो इसका साक्ष्य प्रमाणिकता के साथ दिखाए. प्रशासन बीच में आए और मध्यस्थता कराए. हमारे पास बहुत सारे साक्ष्य हैं. जैसे- मंदिर में परिक्रमा मार्ग है, धार्मिक कुआं है, कमल-त्रिशूल के निशान हैं. छत्र की जंजीर आज भी मौजूद है. ये सब किसी मस्जिद या मकबरे में नहीं होती. 

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फतेहपुर में अब कैसे हैं हालात?

डीएम रवींद्र सिंह ने कहा कि अभी कानून व्यवस्था सामान्य है. लोग अपने-अपने घर चले गए हैं. फिलहाल, अभी हमारी प्राथमिकता है कि लोगों में विश्वास बहाल हो. वहीं, एसपी अनूप कुमार सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है. हालात कंट्रोल में हैं. दोनों पक्षों को समझाकर भेज दिया गया है. 

हालात को देखते हुए दंगा नियंत्रण स्कीम लागू की गई है. डीजीपी मुख्यालय लगातार पूरे मामले पर नजर रखे है. बांदा से एक ASP, एक DSP, 6 इंस्पेक्टर, 5 थानों की फोर्स फतेहपुर रवाना हो गई है. पहले से भी मौके पर कई थानों की पुलिस पहुंची हुई है. 

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