कानपुर यूनिवर्सिटी, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अंदर छात्रों को रोककर उनसे गले लगने की फरमाइश करके खुद को 500 रुपये मिलने का दावा करने वाले आरोपी बीटेक छात्र प्रशुन तिवारी को आखिर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
पहले मेट्रो में नौकरी, फिर बनाई 'रिल'
इस आरोपी छात्र ने पहले बीटेक किया था, फिर मेट्रो में नौकरी की थी. लेकिन बाद में नौकरी छोड़कर वह रिल बनाने लगा था.
वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर वायरल किया
इस दौरान मशहूर होने के लिए उसने कानपुर यूनिवर्सिटी के अंदर जाकर वहां पढ़ने वाली छात्राओं, जो छुट्टी होने के बाद निकल रही थीं या जो पढ़ने जा रही थीं, उन्हें रोक-रोक कर कहता था – क्या मुझे गले लगा लेंगी, इसके लिए मुझे 500 रुपये मिलेंगे. मेरे दोस्तों ने इसका कार्य दिया है.
कुछ लड़कियां इससे बहुत असहज हुईं. कुछ ने उससे हाथ मिलाया, लेकिन जब उसकी बात सुनी तो चुपचाप निकल गईं. यह सब उसने रिकॉर्ड करके अपने इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया था. उसने प्रसून पंडित के नाम से अपनी कई इंस्टाग्राम आईडी बना रखी थीं.
वीडियो वायरल होने पर छात्र नेताओं में मचा हड़कंप
वीडियो वायरल होते ही कानपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों और छात्र नेताओं में हड़कंप मच गया. कई क्षेत्रीय छात्र नेताओं ने जाकर कल्याणपुर थाने में इसकी लिखित शिकायत की और आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की.
पुलिस पर बना यूनिवर्सिटी प्रशासन का दबाव
यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से भी पुलिस पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया गया था. इस दौरान पुलिस ने इंस्टाग्राम आईडी पर वायरल हो रहे वीडियो को रुकवाया. इसके बाद आरोपी प्रशुन पंडित उर्फ प्रशुन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया.
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वीडियो डिलीट होने के बाद हुई गिरफ्तारी
एसीपी रंजीत कुमार का कहना है कि यूनिवर्सिटी के छात्र नेता की तरफ से रिपोर्ट दिखाई गई थी, जिसमें गलत संदर्भ के साथ इंस्टाग्राम पर वीडियो वायरल किया गया था. उसको हटवाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. इसकी जांच की जा रही है. अगर कोई छात्रा भी शिकायत करना चाहेगी तो उसको भी जांच में सम्मिलित किया जाएगा.
छात्राएं अब भी असहज, कुलपति ने दिए सख्त निर्देश
अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर जिन-जिन छात्राओं से उसने गले लगाने की अपील करते हुए वीडियो बनाया था, वे छात्राएं अभी भी असहज हैं क्योंकि उनके घर-परिवार वाले और परिचित गलत धारणा बना रहे हैं.
ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन के कुलपति विनय कुमार पाठक ने शुक्रवार को एक बैठक बुलाकर निर्देश जारी किए कि यूनिवर्सिटी में हजारों लोग आते-जाते हैं. ऐसे में कोई भी यदि यूनिवर्सिटी की छवि को खराब करने की कोशिश करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह यूनिवर्सिटी का छात्र हो या कोई भी अन्य.
इनपुट: रंजय सिंह
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