फतेहपुर: जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दो साल के मासूम की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

फतेहपुर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में दो साल के मासूम की मौत पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि न ऑक्सीजन दी गई, न दवा, जिससे बच्चे ने 10 मिनट में दम तोड़ दिया. यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. सीएमएस का कहना है कि बच्चा ब्रॉड डेड लाया गया था.

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बेटे की मौत पर माता-पिता ने लगाए डॉक्टर पर आरोप बेटे की मौत पर माता-पिता ने लगाए डॉक्टर पर आरोप

नीतेश श्रीवास्तव

  • फतेहपुर,
  • 19 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

फतेहपुर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बुधवार को दो साल के मासूम बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. मृतक का नाम आर्यन था, जो खागा कोतवाली क्षेत्र के लाखीपुर गांव निवासी शाहरुख का बेटा था.

बताया गया कि बुधवार दोपहर आर्यन की अचानक तबीयत बिगड़ गई. शाहरुख उसे लेकर पहले खागा के हरदो सीएचसी पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. पिता आर्यन को लेकर तुरंत जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचा, लेकिन परिजनों का आरोप है कि वहां मौजूद स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया.

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इमरजेंसी वार्ड में दो साल के मासूम की मौत

पिता शाहरुख का कहना है कि उन्होंने डॉक्टरों और स्टाफ से बार-बार बेटे को देखने की गुहार लगाई लेकिन न तो समय पर ऑक्सीजन दी गई और न ही दवा. कुछ ही मिनटों में बेटे ने उनकी आंखों के सामने तड़पते हुए दम तोड़ दिया.

मासूम के पिता ने लगाए डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

इस मामले पर सीएमएस डॉ. पीके सिंह ने बयान जारी किया है. उन्होंने बताया कि बच्चा जब अस्पताल पहुंचा, तब वह ब्रॉड डेड था. डॉ. बीएम आर्या और फार्मेसिस्ट राजकुमार ने जांच की थी. ऑक्सीजन दी गई लेकिन वह जा नहीं रही थी और ईसीजी भी सही से नहीं आ रही थी. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. मामले की जांच की जा रही है.
 

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