पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि 'एक सोची समझी साजिश के तहत देश की सेना को विभाजित करने और इसे कमजोर करने की कोशिश की जा रही है.' चौधरी ने सिलसिलेवार ट्वीट में यह बात कही, उन्होंने लिखा, "अगर सेना को विभाजित और कमजोर किया गया तो देश को अराजकता से बचाना संभव नहीं रह जाएगा."
पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को दी गई मौत की सजा पर उन्होंने कहा, "यह परवेज मुशर्रफ का कोई निजी मामला नहीं है. पाकिस्तानी सेना को एक विशिष्ट रणनीति के तहत निशाना बनाया जा रहा है. पहले सेना और (खुफिया संस्था) इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस को तहरीके लब्बैक संस्था के धरने में शामिल किया गया, फिर सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार को विवादित बनाया गया और अब एक लोकप्रिय पूर्व सैन्य प्रमुख को अपमानित किया गया है."
उन्होंने कहा, "यह घटनाक्रम अब महज कानूनी मामला नहीं रह गया है. मामला इससे कहीं अधिक है. जनरल (कमर जावेद) बाजवा और वर्तमान सैन्य नेतृत्व ने लोकतांत्रिक व्यवस्था का साथ दिया है लेकिन इसे (इनकी) कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए."
गौरतलब है कि मुशर्रफ को न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय पीठ ने एक के मुकाबले दो के बहुमत से मौत की सजा सुनाई है. सजा सुनाने वाले दो जजों में से एक, पीठ के प्रमुख, न्यायाधीश वकार अहमद सेठ ने फैसले में जो लिखा इससे वहां की राजनीति गर्मा गई है.
उन्होंने अपने फैसले में लिखा था कि मुशर्रफ को कानून के अनुसार मौत की सजा दी जाए. अगर वह इससे पहले मर जाएं तो उनकी लाश को घसीटकर इस्लामाबाद के डी चौक तक लाया जाए और वहां तीन दिन तक टांगा जाए. फैसले की इस भाषा के बाद पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान में गहरी नाराजगी पाई जा रही है.