महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बन चुकी है. मंत्रिमंडल विस्तार भी हो चुका है. बस बचा है प्रभार देने का काम. मुंबई स्थित महाराष्ट्र सरकार के मंत्रालय में सभी मंत्रियों को दफ्तर देने का काम भी शुरू हो चुका है. लेकिन मंत्रालय की छठीं मंजिल पर स्थित एक कमरे को कोई मंत्री नहीं लेना चाहता. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों कोई मंत्री इस कमरे को नहीं लेना चाहता?
क्या-क्या है महाराष्ट्र मंत्रालय की छठीं मंजिल पर?
महाराष्ट्र सरकार के मंत्रालय की छठीं मंजिल पर स्थित यह कमरा करीब 3000 वर्ग फीट का है. छठीं मंजिल पर एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं.
पहले इस कमरे को माना जाता था पावर सेंटर
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस कमरे को पहले राज्य की सत्ता का पावर सेंटर कहा जाता था. पहले यहां पर सीएम, सबसे बड़ा मंत्री या मुख्य सचिव बैठते थे.
अंधविश्वासः जो बैठा उसका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ
इस ऑफिस में अब इसलिए कोई नहीं बैठना चाहता क्योंकि यह अंधविश्वास है कि यहां जो बैठता है वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता.
इस कमरे का नंबर है 602, जो आया वो गया
कहा जाता है कि इस कमरे में जो बैठता है वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता. 2014 में भाजपा के नेता एकनाथ खडसे को यह कमरा दिया गया. दो साल बाद ही वे एक घोटाले में फंसे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
फिर दूसरे मंत्री को दिया गया कमरा, हो गई मौत
खडसे के बाद इस कमरे में नए मंत्री पांडुरंग फुंडकर आए. लेकिन दो साल काम करने के बाद ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. जून 2019 के बाद से इस कमरे को किसी अलॉट नहीं किया गया.
चुनाव प्रभारी बोंडे हार गए अपना चुनाव
2019 में जब कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी नेता अनिल बोंडे को दिया गया तो वह इस ऑफिस में आए. लेकिन बोंडे इस साल विधानसभा चुनाव में हार गए. बस फिर क्या था इसके बाद यह अफवाह फैल गई कि यह कमरा ठीक नहीं है.
यहां काम कर चुके अजित पवार ने भी किया मना
नई सरकार में मंत्री बने अजित पवार ने भी इस कमरे में ऑफिस बनाने से मना कर दिया. जबकि, वे खुद इस कमरे में पहले भी काम कर चुके हैं. हालांकि मंत्रालय प्रशासन ने कहा कि है ये सब अफवाह है. जिसे यह कमरा पसंद आएगा उसे दिया जाएगा.