कोरोना वायरस ने वैसे तो पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचाया है लेकिन अगर किसी एक देश को इस महामारी ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वो अमेरिका है. अमेरिका इस बीमार से लड़ने और इसका इलाज ढूंढने के लिए रोज नए प्रयोग कर रहा है.
अमेरिका ने कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार कुछ मरीजों का इलाज एंटीवायरल दवा रेमडेसिवीर से करने का फैसला लिया है. इस दवा को बनाने वाली कंपनी ने इसका ऐलान किया है.
बता दें कि अमेरिका में लॉकडाउन के बाद वहां के लोग आर्थिक स्तर पर देश को खोलने की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन तक कर रहे हैं जिससे वहां सरकार और लोगों के बीच तनाव बढ़ गया है.
इस दवा को इस्तेमाल करने के लिए हाल ही में अमेरिका ने फास्ट ट्रैक मंजूरी दी है. क्लिनिकल ट्रायल के बाद सोमवार को पहली बार इस दवा के जरिए एक मरीज का इलाज किया गया. अब इस दवा की निर्माता कंपनी गिलियड इसे दूसरे ऐसे देशों को निर्यात करने की भी योजना बना रही है जिन्होंने इसे पहले ही हरी झंडी दे दी है.
इस दवा को लेकर कंपनी के सीईओ डैनियल ओडे ने रविवार को सीबीएस न्यूज को बताया, "हम अब इस दवा को सबसे गंभीर मरीजों तक पहुंचाने पर तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं." उन्होंने कहा "हमारा इरादा इसे अगले सप्ताह के शुरुआती हिस्से में रोगियों को देना है और इसके लिए हमने सरकार के साथ काम करना शुरू कर दिया है. सरकार यह निर्धारित करेगी कि कौन सा शहर सबसे अधिक असुरक्षित है और किस जगह रोगियों को इस दवा की आवश्यकता है."
ओडे ने कहा कि कैलिफोर्निया स्थित गिलियड के पास रेमडेसिवीर की 1.5 मिलियन खुराक की "पूरी आपूर्ति" है जिसका इस्तेमाल "100,000 से 200,000" रोगियों के इलाज के लिए किया जा सकता है.
गिलियड ने एंटीवायरल के अपने उत्पादन में तेजी लाई है. कंपनी की तरफ से पिछले सप्ताह भरोसा दिलाया गया था कि इस वर्ष के अंत तक इसकी "कई मिलियन" खुराकें उपलब्ध होंगी.