चीन ने 8 और 9 दिसंबर की मध्य रात्रि करीब 2.53 बजे एक ही रॉकेट से 5 उपग्रह छोड़े. अंतरिक्ष विज्ञान के मामले में उसे ये सफलता पहली बार मिली है. जबकि, भारत इस मामले में उससे बहुत ज्यादा आगे है. चीन के ये पांचों उपग्रह रिमोट सेंसिंग में काम आने वाले हैं.
भारत से बहुत पीछे है चीन...देखिए आखिरी स्लाइड में
पहली बार चीन को मिली ऐसी सफलता
चीन ने निंगशिया-1 नाम के 5 सैटेलाइट लॉन्ग मार्च-6 रॉकेट से अंतरिक्ष में रवाना किए थे. इन्हें निंगशिया जिंगुई इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड ने बनाया है.
जानिए पांचों उपग्रह का क्या काम करेंगे?इन पांचों उपग्रहों का काम रिमोट सेंसिंग होगा. यानी ये सभी उपग्रह वातावरण जागरुकता, सामग्री पर्यवेक्षण, मजबूत आपातकालीन संचार, जहाज और विमान की जानकारी का संग्रह आदि सेवा देंगे.
चीन का भरोसेमंद रॉकेट लॉन्ग मार्चवहीं, लॉन्ग मार्च-6 रॉकेट के डीएफएच सैटेलाइट कंपनी लिमिटेड और शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी ने मिलकर बनाया है.
कई मामलों की मिलेगी जानकारी
चीन द्वारा भेजे गए उपग्रहों में एक उपग्रह थ्येनशी नंबर 4 उपग्रह वैश्विक इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए काम करेंगे. इसके अलावा आपदा, समुद्र, कृषि और ध्रुवीय वातावरण की निगरानी आदि की जानकारी भी मिलेगी.
भारत ने 2017 में छोड़े थे 104 उपग्रहभारत एकसाथ कई उपग्रह छोड़ने के मामले में चीन से बहुत आगे है. भारत ने 2017 के फरवरी महीने में पीएसएलवी-सी 37 रॉकेट से एकसाथ 104 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े थे. इसमें भारत के अलावा, अमेरिका, इजरायल, हॉलैंड, यूएई, स्विट्जरलैंड और कजाकिस्तान के सैटेलाइट्स थे.