जब भी हम क्रिसमस के बारे में सोचते हैं, तो दिमाग में बर्फबारी, सांता की स्लेज, स्वेटर और गरम कॉफी की तस्वीर उभरती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां क्रिसमस का मतलब सर्दी नहीं, बल्कि कड़कती धूप और पसीने छुड़ाने वाली गर्मी है.
जब आधी दुनिया ठंड से ठिठुर रही होती है, तब दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों में लोग समुद्र के किनारे 'शॉर्ट्स' पहनकर सांता का स्वागत करते हैं. यहां सांता बर्फ पर नहीं, बल्कि समंदर की लहरों पर सर्फिंग करते हुए आता है. अगर आप भी दिसंबर की इस कड़ाके की ठंड से ऊब चुके हैं, तो चलिए उन देशों के बारे में जान लेते हैं, जहां पसीने छुड़ाने वाली गर्मी में मनाया जाता है क्रिसमस.
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड
ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस का नजारा दुनिया के बाकी हिस्सों से एकदम उल्टा होता है. जब यूरोप और अमेरिका में लोग बर्फ हटा रहे होते हैं, तब ऑस्ट्रेलिया में कड़ाके की धूप और पसीने छुड़ाने वाली गर्मी पड़ रही होती है. दिसंबर में यहां तापमान 30 डिग्री के आसपास रहता है. लोग घरों में बंद रहने के बजाय बीच पर पार्टी करते हैं, पिकनिक मनाते हैं और परिवार के साथ समय बिताते हैं. यहां सांता स्लेज में नहीं, बल्कि सर्फबोर्ड पर नजर आता है, जिसे लोग मजाक में 'सर्फिंग सांता' कहते हैं.
वहीं, न्यूजीलैंड में भी क्रिसमस गर्मियों के चरम पर मनाया जाता है. यहां का अपना एक प्राकृतिक क्रिसमस ट्री है जिसे 'पोहुतुकावा' (Pohutukawa) कहते हैं. दिसंबर के दौरान इस पेड़ पर गहरे लाल रंग के फूल खिलते हैं, जो पूरे देश को बिना किसी सजावट के ही लाल रंग में सराबोर कर देते हैं. न्यूजीलैंड के लोग इस दिन परिवार के साथ झीलों या पहाड़ों पर कैंपिंग करना और ताजी चेरी व बेरीज खाना पसंद करते हैं.
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दक्षिण अफ्रीका में क्रिसमस का मतलब है झुलसा देने वाली गर्मी और लंबी छुट्टियां. यहां लोग इस दिन को चारदीवारी के अंदर नहीं, बल्कि खुले मैदानों और बगीचों में मनाते हैं. यहां की सबसे खास परंपरा है 'Braai' यानी धूप में बैठकर तैयार किया जाने वाला पारंपरिक भुना हुआ मांस. इस दौरान वन्यजीव अभ्यारण्यों से लेकर समुद्र तटों तक, हर जगह पर्यटकों की भारी भीड़ दिखाई देती है. ठंडे ड्रिंक्स और पुडिंग के साथ धूप में सांता का स्वागत करना यहां के लोगों के लिए क्रिसमस की सबसे बड़ी खुशी है.
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अर्जेंटीना और चिली
दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना और चिली में क्रिसमस का उत्सव सुहावनी और लंबी गर्मियों की शामों में शुरू होता है. यहां परिवार क्रिसमस की पूर्व संध्या (Christmas Eve) पर इकट्ठा होते हैं और देर रात तक शानदार दावतों का दौर चलता है. जैसे ही घड़ी में रात के 12 बजते हैं, आसमान आतिशबाजी से जगमगा उठता है. ठंड न होने की वजह से लोग सड़कों और मोहल्लों में निकल आते हैं और देर रात तक नाच-गाकर खुशियां मनाते हैं. यहां क्रिसमस केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि गर्मियों की मस्ती और एकजुटता का एक बड़ा जरिया बन जाता है.
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