WTC final South africa vs australia At Lords: WTC (वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप) 2025 का फाइनल मुकाबला साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच 11 जून से 15 जून के बीच लंदन के लॉर्ड्स में होना है. साउथ अफ्रीका लंबे अरर्से बाद कोई ICC खिताब जीतने उतरेगी. ऐसे में सवाल है कि क्या टेम्बा बावुमा के नेतृत्व में अफ्रीकी टीम पैट कमिंस एंड कंपनी का दंभ तोड़ पाएगी?
साउथ अफ्रीका को देखा जाए तो उनकी बड़े टूर्नामेंट खासकर ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) में ऐन मौके पर हारने की पुरानी बीमारी रही है. बड़े मुकाबले में चूकने के कारण ही अफ्रीकी टीम को वर्ल्ड क्रिकेट में चोकर्स कहा जाता है. साउथ अफ्रीकी टीम ने आखिरी बार कोई ICC का टूर्नामेंट विल्स इंटरनेशनल कप (1998) अफ्रीकी टीम ने जीता था.
तब विल्स इंटरनेशनल कप (आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी) या 'मिनी वर्ल्ड कप' के नाम से जाना जाता था. साल 2002 में इस टूर्नामेंट का ही नाम बदलकर आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी कर दिया गया. यानी क्रिकेट के मक्का 'लॉर्ड्स' में टेम्बा बावुमा एंड कंपनी के पास इतिहास रचने का मौका है.
WTC फाइनल के लिए डिफेंडिंग चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका ने अपनी प्लेइंग 11 का ऐलान मैच से एक दिन पहले 10 जून को किया. ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग 11 में सैम कोंस्टास और स्कॉट बोलैंड जैसे खिलाड़ी जगह बनाने में असफल रहे. वहीं अफ्रीकी टीम केशव महाराज कगिसो रबाडा, मार्को जानसेन और लुंगी एनगिडी बॉलिंग लाइनअप में शामिल हैं. WTC फाइनल में वियान मुल्डर नंबर 3 पोजिशन पर खेलेंगे.
WTC फाइनल के लिए साउथ अफ्रीका की प्लेइंग इलेवन: टेम्बा बावुमा (कप्तान), एडेन मार्कराम, रयान रिकेल्टन, वियान मुल्डर, ट्रिस्टन स्टब्स, डेविड बेडिंघम, काइल वेरिन, मार्को जानसेन, केशव महाराज, कगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी
WTC फाइनल के लिए ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग इलेवन: उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, कैमरून ग्रीन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, ब्यू वेबस्टर, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस (कप्तान), मिचेल स्टार्क, नाथन लियोन, जोश हेजलवुड.
जब अफ्रीका ने जीता था अपना पहला ICC का खिताब
1 नवंबर 1998 को ढाका में साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच विल्स इंटरनेशनल कप का फाइनल खेला गया. साउथ अफ्रीका ने इस फाइनल मुकाबले को तब 4 विकेट से जीता था. वेस्टइंडीज ने फिलो वॉलेस के शतक (103) की बदौलत 245 रन बनाए. ऑलराउंडर जैक्स कैलिस ने पांच विकेट झटके थे. इसके बाद साउथ अफ्रीका की टीम ने 18 गेंद शेष रहते हुए रनचेज कम्पलीट कर लिया. तब तत्कालीन कप्तान हैंसी क्रोनिए ने नाबाद 61, माइक रिंडेल ने 49 और कैलिस ने 31 रनों की पारी खेली. कैलिस अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के कारण 'प्लेयर ऑफ द मैच' रहे.
'विल्स इंटरनेशनल कप' को प्रोटियाज टीम ने जीता, यह इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से जुड़े टूर्नामेंट में साउथ अफ्रीका की पहली जीत थी. उसके नाम यह एकमात्र आईसीसी टूर्नामेंट (सीनियर मेन्स क्रिकेट) की विजय है.
2024 में भारत ने तोड़ा सपना
वैसे अफ्रीकी टीम किसी भी वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल (1992, 1999, 2007, 2009, 2014, 2015 और 2023) से आगे नहीं बढ़ पाई थी. पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका के सपनों को चकनाचूर कर दिया था. भारत ने अफ्रीका को फाइनल में 7 रनों से हराकर दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीता.
अफ्रीकी टीम वर्ल्ड क्रिकेट में कई मौकों पर चोकर्स साबित हुई . साउथ अफ्रीका के ICC टूर्नामेंट्स में निराशाजनक अतीत की बानगी कुछ ऐसी है....
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1992 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
रंगभेद के कारण 21 साल का निष्कासन झेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटी साउथ अफ्रीका के पास बेहतरीन तेज गेंदबाज और चुस्त फील्डर थे. लेकिन सेमीफाइनल में बारिश आई और उसे 7 गेंदों से 22 रनों की बजाय अब 1 गेंद में 22 रन बनाने का 'असंभव' संशोधित लक्ष्य मिला था. और इस तरह उसे हार मिली.
वेस्टइंडीज के खिलाफ 1996 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल
सभी ग्रुप मैच जीतने के बाद हैंसी क्रोनिये की टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा था, लेकिन ब्रायन लारा की जबर्दस्त बल्लेबाजी के बाद रोजर हार्पर और जिमी एडम्स की फिरकी के जाल में साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज फंसते चले गए और 19 रनों से मैच हार गए.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1999 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
साउथ अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास का सबसे निराशाजनक मैच शायद इसी मैच में हुआ. टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे लांस क्लूसनर को जिसने ‘ट्रेजेडी किंग’ बना दिया. जीत के लिए 214 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका को आखिरी ओवर में 9 रन बनाने थे.
आखिरी जोड़ी क्रीज पर थी. क्लूसनर ने पहली दो गेंद पर चौका जड़ा, लेकिन अगली गेंद पर एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए और मैच टाई हो गया. सुपर सिक्स चरण में जीत दर्ज करने के कारण ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचा.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2007 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
पहले बल्लेबाजी का साउथ अफ्रीका का फैसला गलत साबित हुआ. ग्रीम स्मिथ, हर्शल गिब्स , जैक्स कैलिस, एबी डिविलियर्स और मार्क बाउचर जैसे धुरंधर 149 के स्कोर पर आउट हो गए. ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवर बाकी रहते मैच जीता.
पाकिस्तान के खिलाफ 2009 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
साउथ अफ्रीका ने न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, भारत को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई. लेकिन शाहिद आफरीदी की शानदार स्पिन गेंदबाजी के सामने टीम 150 रनों का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर सकी.
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2011 वनडे वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल
एबी डिविलियर्स, फाफ डु प्लेसी, ग्रीम स्मिथ, जैक्स कैलिस और जेपी डुमिनी जैसे दिग्गज न्यूजीलैंड के खिलाफ 222 रनों का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए. एक समय 25 ओवरों में 8 विकेट पर 108 रन बनाने के बाद अगले सात विकेट 64 रन पर गंवा दिए.
इंग्लैंड के खिलाफ 2013 चैम्पियंस ट्रॅाफी सेमीफाइनल
साउथ अफ्रीका का स्कोर 8 विकेट पर 80 रन था, जिसके बाद डेविड मिलर और रोरी क्लेनवेल्ट ने इसे 175 रनों तक पहुंचाया. जोनाथन ट्रॉट के नाबाद 82 रनों की मदद से इंग्लैंड ने 12 ओवर और सात विकेट बाकी रहते जीत दर्ज की.
भारत के खिलाफ 2014 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करके साउथ अफ्रीका को हराया.
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2015 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
साउथ अफ्रीका के क्रिकेटरों की सुनहरी पीढ़ी. हर विभाग में जबरदस्त , लेकिन फिर सेमीफाइनल हारे. न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में हराकर फिर साउथ अफ्रीका का दिल तोड़ा.
नीदरलैंड्स के खिलाफ 2022 टी20 वर्ल्ड कप सुपर 12
सेमीफाइनल से एक जीत दूर साउथ अफ्रीकी टीम को नीदरलैंड्स ने 13 रनों से हराकर उलटफेर कर दिया था.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2023 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
लीग चरण में शानदार प्रदर्शन करने के बाद अंतिम चार के अहम मुकाबले में एक बार फिर ‘चोकर ’ साबित हुई साउथ अफ्रीका टीम
क्यों विश्व क्रिकेट से कट गया था साउथ अफ्रीका..?
साउथ अफ्रीका सरकार ने कुछ ऐसे नियम बनाए थे, जिसने आईसीसी को असमंजस में डाल दिया था. सरकार के नियमों के मुताबिक उनके देश की टीम को श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के खिलाफ ही खेलने की अनुमति थी. यह भी शर्त यह थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे.
आईसीसी ने साउथ अफ्रीका को निलंबित कर दिया, जिससे अफ्रीकी खिलाड़ियों का भविष्य पर खतरे में पड़ गया. वहां के कई क्रिकेटर्स का करियर इस इंतजार में खत्म हो गया कि साउथ अफ्रीकी टीम की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कब वापसी होगी. आखिरकार 21 साल बाद (1991 में) वह दिन आया, जब साउथ अफ्रीका में बदलाव आया और वहां रंगभेद की नीति को खत्म किया गया.
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