'उम्मीद है पलटवार होगा, पर ये बॉडी लैंग्वेज ...', गुवाहाटी में ऋषभ पंत की कप्तानी से टूटा द‍िग्गज क्रिकेटर का द‍िल, फील्ड प्लेसमेंट देख हुए न‍िराश

ऋषभ पंत की कप्तानी से द‍िग्गज क्रिकेटर रव‍िचंद्रन अश्व‍िन न‍िराश है. उन्होंने मैच के चौथे दिन एक ऐसा पोस्ट किया, जो चर्चा में हैं. गुवाहाटी टेस्ट में भारतीय टीम की हालत बेहद खराब है.

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ऋषभ पंत की कप्तानी की रव‍िचंद्रन अश्व‍िन ने आलोचना की है (Photo: AP) ऋषभ पंत की कप्तानी की रव‍िचंद्रन अश्व‍िन ने आलोचना की है (Photo: AP)

aajtak.in

  • गुवाहाटी ,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

गुवाहाटी टेस्ट में भारतीय टीम की कमान शुभमन गिल की गैरमौजूदगी में ऋषभ पंत संभाल रहे हैं.लेकिन उनकी लीडरश‍िपर पर सवाल उठे हैं. गिल की गैरमौजूदगी में पंत से उम्मीद थी कि वो थोड़ा कप्तानी में भौकाल दिखाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा. 

भारतीय टीम के दिग्गज क्रिकेटर रव‍िचंद्रन अश्व‍िन इस मुकाबले में ऋषभ पंत की फील्ड प्लेसमेंट देख निराश दिखे. उन्होंने एक पोस्ट शेयर कर इस बारे में अपना असंतोष द‍िखाया. वहीं उन्होंने पंत की बॉडी लैंग्वेज पर भी सवाल उठाए. 

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क्रिकेट से संन्यास के बाद अश्व‍िन फुलटाइम खेल से जुड़ी बारीकियों पर अपनी राय रखते हैं.  टीम इंडिया की पहली पारी के बाद रविचंद्रन अश्विन ने X पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए लिखा, “उम्मीद है कि हम दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए वापसी करेंगे. लेकिन मैदान पर बॉडी लैंग्वेज जो संकेत दे रही है…”. अश्विन का यह बयान साफ संकेत देता है कि टीम की एनर्जी में कमी है. 

यह मैच ऋषभ पंत की बतौर टेस्ट कप्तान पहली परीक्षा है, लेकिन पहली पारी में उनका एप्रोच सवालों के घेरे में आ गया. भारत के शुरुआती विकेट गिरने के बाद भी पंत ने मार्को जानसेन की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की और आउट हो गए. गलत समय पर जोखिम लेने की यह प्रवृत्ति टीम को भारी पड़ी.

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आधुनिक क्रिकेट में तेज तर्रार बल्लेबाजी खूब देखने को मिलती है, लेकिन परिस्थितियां कई बार रुककर खेलने और मजबूत डिफेंस की मांग करती हैं. यही डिफेंस बाद में काउंटर-अटैक की नींव रखता है. पंत इस पहलू को नजरअंदाज करते दिखे. हाई-रिस्क शॉट खेलने के चक्कर में आउट हुए. 

कप्तान के तौर पर मैच स्थिति को समझना सबसे अहम होता है. अगर पंत खुद ही हालात के अनुसार ढलने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, तो ध्रुव जुरेल और साई सुदर्शन जैसे युवा बल्लेबाजों को धैर्य से खेलने की सीख देना उनके लिए और बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि पंत अगर खुद ड‍िफेंस करने से खुद को रोंकेंगे तो बाकी ख‍िलाड़ी उनकी बात कैसे रोंकेंगे. 

 

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