RCB victory parade controversy: बेंगलुरु में 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड से पहले जो कुछ हुआ, उसने तमाम क्रिकेट फैन्स का दिल छलनी-छलनी कर दिया. स्टेडियम के अंदर जश्न चलता रहा, वहीं बाहर लोग अपने फेवरेट क्रिकेटर्स की एक झलक पाने के लिए जान गंवाते रहे, कई घायल हुए.
कर्नाटक सरकार से जुड़े लोग, RCB की टीम जश्न मनाने में तल्लीन थे. इस पूरे मामले में सामने आया कि RCB ने इस विक्ट्री परेड के लिए जल्दबाजी की, लेकिन पुलिस तैयार नहीं थी. पूरे मामले में हाईकोर्ट को भी दखल देना पड़ा और 10 जून को रिपोर्ट देने की बात कही है. यहां तक BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने तो पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ लिया.
इस भगदड़ कांड को लेकर अब सरकार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. 'आजतक' के पास मौजूद एक पत्र के मुताबिक, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने 3 जून को ही सरकार को एक लेटर लिखकर 4 जून को होने वाले सम्मान समारोह की जानकारी दी थी, जो विधान सौधा (कर्नाटक की विधानसभा) में आयोजित होना था.
महत्वपूर्ण बात यह है कि उसी दिन यानी 3 जून को वेदांत सेलिब्रेशन की जानकारी भी सरकार को थी. ऐसे में माना जा रहा है कि जब सरकार को विधान सौधा समारोह की जानकारी थी, तो क्रिकेट संघ द्वारा स्टेडियम में आयोजित समारोह की सूचना भी सरकार को दी गई होगी.
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सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने पहले ही सरकार को चेतावनी दी थी कि 4 जून को दोनों कार्यक्रमों (विधान सौधा और स्टेडियम) की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी. पुलिस का सुझाव था कि इन आयोजनों को रविवार ( 8 जून) तक टाल देना चाहिए था, ताकि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हो सके. अब यह सवाल उठ रहा है कि अगर पुलिस ने पहले से चेताया था, तो फिर आखिर क्यों इन आयोजनों की अनुमति दी गई, जिससे भगदड़ जैसी दुखद घटना हुई.
B. दयानंद के निलंबन पर #IStandWithBDayanand ट्रेंड में आया
इस पूरे मामले में वरिष्ठ IPS अधिकारी B. दयानंद के निलंबन के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. सरकार के इस फैसले की खूब आलोचना हो रही है. #IStandWithBDayanand हैशटैग के साथ हजारों लोग दयानंद के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं. लोग उन्हें एक अनुशासित, समय के पाबंद और ईमानदार अफसर बता रहे हैं. कई लोगों ने उन्हें पब्लिक सर्विस में रोल मॉडल कहा है और सरकार से मांग की है कि उनका निलंबन तुरंत वापस लिया जाए.
RCB के 3 जून को चैम्पियन बनने से लेकर अब तक क्या हुआ?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के इतिहास में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) की टीम पहली बार चैम्पियन बनी. उसने 3 जून को पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रनों से हराया. इस जीत के ठीक एक दिन बाद बेंगलुरु में विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया, पहले यह ओपन बस में होनी थी, लेकिन फिर ऐसा नहीं हुआ. बाद में विक्ट्री परेड से पहले एक हादसा हुआ, जहां 11 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. इस मामले में बाद में RCB मैनेजमेंट, कर्नाटक क्रिकेट राज्य संघ (KSCA), भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पल्ला झाड़ लिया. बाद में 5 जून हाईकोर्ट को भी इस मामले में दखल देना पड़ा और 10 जून तक पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी.
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5 जून को 11 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में कब्बन पार्क पुलिस थाने में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स (जो इवेंट की आयोजन कंपनी थी), कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
इस मामले में इससे सीएम सीएम सिद्धारमैया ने पुलिस को बेंगलुरु भगदड़ का जिम्मेदार माना था. जिसके बाद पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसर सस्पेंड कर दिए गए थे. बाद में कर्नाटक के IPS अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को बेंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था. 5 जून को ही आरसीबी ने भगदड़ में जान गंवाने वाले 11 समर्थकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.
6 जून को खबर आई कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बेंगलरु में 4 जून को RCB की विक्ट्री परेड से पहले हुई भगदड़ मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की थी. डीएनए के तीन स्टाफ मेंबर्स किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को पुलिस ने हिरासत में लिया.
नागार्जुन