वर्कलोड नाम की कोई चीज नहीं, सेना के जवानों से सीखें... सिराज ने सब झोंक दिया, गावस्कर ने बुमराह पर साधा निशाना?

मोहम्मद सिराज की दमदार गेंदबाजी से पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर खासा प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि सिराज ने ये साबित कर दिया कि वर्कलोड जैसी कोई चीज नहीं होती. पांचों टेस्ट खेलकर उन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया. गावस्कर ने बिना नाम लिए जसप्रीत बुमराह पर भी तंज कसा और कहा कि बार-बार वर्कलोड के नाम पर खिलाड़ियों को नहीं बैठाना चाहिए.

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लंदन के ओवल में ऐतिहासिक जीत का जश्न के बाद भारत के आकाश दीप, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा. (Photo: AP) लंदन के ओवल में ऐतिहासिक जीत का जश्न के बाद भारत के आकाश दीप, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा. (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि सिराज ने यह साबित कर दिया है कि 'वर्कलोड' नाम की चीज का कोई मतलब नहीं होता. जब आप देश के लिए खेलते हैं, तो आपको दर्द-थकान जैसी चीजों को भूल जाना चाहिए. जैसे हमारे देश के जवान सीमाओं पर करते हैं.

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सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचों टेस्ट मैच खेले और कुल 185.3 ओवर गेंदबाजी करते हुए 23 विकेट लिए. वहीं जसप्रीत बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट में खेले और आखिरी निर्णायक टेस्ट नहीं खेले, क्योंकि उनका वर्कलोड मैनेज किया जा रहा था. हालांकि गावस्कर ने साफ किया कि उनका इशारा बुमराह पर नहीं है, क्योंकि उनका मामला चोट से जुड़ा हुआ है.
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गावस्कर ने कहा-जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो दर्द-थकान भूल जाओ. क्या सीमा पर तैनात जवान ठंड की शिकायत करते हैं? क्या आपने ऋषभ पंत को नहीं देखा? वो फ्रैक्चर के बाद भी बैटिंग करने उतरे थे. भारत के लिए खेलना गर्व की बात है.

उन्होंने कहा- मोहम्मद सिराज ने दिल से गेंदबाजी की. पांच टेस्ट मैचों में लगातार 7-8 ओवर के स्पेल डाले, क्योंकि कप्तान को जरूरत थी और देश को उम्मीद थी. उन्होंने साबित किया कि 'वर्कलोड' जैसी बातों का कोई मतलब नहीं है. 

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76 साल के गावस्कर ने जसप्रीत बुमराह का नाम लिए ब‍िना कहा कि ‘वर्कलोड’ की वजह से अगर आप अपने बेस्ट खिलाड़ी को बाहर बैठाते हैं, तो टीम को नुकसान होगा. उन्होंने ये भी कहा- वर्कलोड का कांसेप्ट सिर्फ दिमागी होता है, असल में नहीं. उम्मीद करता हूं कि 'वर्कलोड' शब्द को भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से हटा दिया जाए. 

कुल मिलाकर सुनील गावस्कर का मानना है कि देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों को दर्द और थकान से ऊपर उठकर प्रदर्शन करना चाहिए. जैसे मोहम्मद सिराज ने किया. उन्होंने ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ की सोच पर सवाल उठाया है.

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