भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट दिल्ली में खेला जाना है. 17 फरवरी से इस मैच की शुरुआत होनी है, लेकिन इससे पहले ही ऑस्ट्रेलियाई खेमे में हलचल है. स्पिन फ्रेंडली पिच पर भी ऑस्ट्रेलिया के सबसे सीनियर प्लेयर नाथन लायन फेल रहे हैं और भारत के खिलाफ कमाल नहीं कर पाए हैं. ऐसे में अब उन्हें टीम से बाहर कर रिटायर करने की मांग हो रही है.
दिल्ली टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में नाथन लायन को लेकर आक्रामक रुख अपनाया गया है. दूसरे टेस्ट से पहले फॉक्स क्रिकेट ने लिखा है कि 35 साल के नाथन लायन के अब दिन लद चुके हैं और कुछ ही वक्त वह ऑस्ट्रेलियाई टीम में रह सकते हैं. आगे लिखा गया है कि शेन वॉर्न 37 साल तक खेलते रहे, स्टुअर्ट मैकगिल भी इतने साल तक एक्टिव रहे.
नाथन लायन नागपुर की पिच पर कोई खास कमाल नहीं कर पाए थे, यही वजह है कि उनको लेकर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. नागपुर टेस्ट में नाथन लायन ने 126 रन देकर सिर्फ एक ही विकेट लिया था. अगर उनके ओवरऑल रिकॉर्ड को देखें तो वह ऑस्ट्रेलिया के लिए 116 टेस्ट में 461 विकेट ले चुके हैं, इनमें से भारत में उनके नाम 8 टेस्ट में सिर्फ 35 विकेट ही हैं.
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डेविड वॉर्नर पर भी गिरेगी गाज?
दिल्ली टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम बड़े बदलाव कर सकती है. टीम के सीनियर ओपनर डेविड वॉर्नर पर प्लेइंग-11 में जगह बचाए रखने का खतरा है, क्योंकि वह नागपुर टेस्ट में फेल रहे थे और उससे पहले भी भारत में उनका रिकॉर्ड बेहतर नहीं है. ऐसे में टीम मैनेजमेंट डेविड वॉर्नर की जगह ट्रैविस हेड को लाने पर विचार कर सकता है.
नागपुर टेस्ट में डेविड वॉर्नर ने दोनों पारियों में कुल मिलाकर सिर्फ 11 ही रन बनाए थे, अगर टेस्ट क्रिकेट में भारत में उनका रिकॉर्ड देखें तो वह 9 टेस्ट में सिर्फ 399 रन बना चुके हैं, इस दौरान उनका औसत महज 22 का रहा है. यही वजह है कि डेविड वॉर्नर की जगह पर खतरा बना हुआ है. दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम मिचेल स्टार्क, कैमरून ग्रीन को प्लेइंग-11 में मौका दे सकती है.
दूसरी ओर अगर टीम इंडिया को देखें तो दिल्ली टेस्ट से पहले श्रेयस अय्यर को स्क्वॉड में शामिल किया गया है. हालांकि, वह प्लेइंग-11 में जगह बना पाएंगे या नहीं, इसपर संशय है. क्योंकि नागपुर टेस्ट में ही सूर्यकुमार यादव ने डेब्यू किया था. एक ही पारी के बाद उन्हें ड्रॉप करना मुश्किल लगता है.
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