No-Handshake Part 2: भारत और पाकिस्तान के बीच 'नो-हैंडशेक वॉर' की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि अब एक बार फिर दोनों टीमों का आमना-सामना होने जा रहा है. एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में रविवार (Sunday) को दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमें भिड़ेंगी. यह मुकाबला दुबई में होगा और मैच रात 8.00 बजे शुरू होगा. पाकिस्तान ने ग्रुप ए के मुकाबले में UAE (यूनाइटेड अरब अमीरात) को 41 रनों से हराया
पिछले मैच (14 सितंबर) में जहां खिलाड़ियों के बीच हाथ ना मिलाने की घटना ने विवाद को हवा दी थी, वहीं अब सभी की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि क्या "नो-हैंडशेक पार्ट-2" देखने को मिलेगा या माहौल सामान्य रहेगा? यानी जो स्टैंड भारतीय कप्तान सूर्या ने टॉस के समय पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा के सामने दिखाया, वो अब भी दिखेगा? क्या सूर्या सलमान आगा से हाथ मिलाएंगे, या 21 सितंबर को जब मैच का समापन होगा तो दोनों देश के खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ मिलाएंगे.
पाकिस्तान ने 14 सितंबर को हुए मुकाबले के बाद मैच एंडी पायक्रॉफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग की थी, क्योंकि PCB (पाकिस्तान) क्रिकेट बोर्ड का मानना था कि यह सब उनके कारण ही हुआ. इसके बाद पाकिस्तान ने 17 सितंबर को हुए मुकाबले से पहले भी खूब नाटक किया था. लेकिन अंतत: मैच खेलने का फैसला किया.
फिर हाई-वोल्टेज मुकाबले की तैयारी
भारत ने ग्रुप स्टेज में शानदार प्रदर्शन करते हुए सुपर-4 में जगह बनाई, वहीं पाकिस्तान ने उतार-चढ़ाव के बावजूद खिताबी दौड़ में कदम रखा. अब दुबई में होने वाले इस मुकाबले को लेकर दोनों देशों के क्रिकेट फैन्स में जबरदस्त उत्साह है?
राजनीति से लेकर खेल तक चर्चा गर्म
एशिया कप के पिछले मैच के बाद से ही दोनों टीमों के खिलाड़ियों के रवैये पर चर्चा तेज है. सोशल मीडिया पर 'नो हैंडशेक' ट्रेंड कर चुका है. ऐसे में यह सुपर-4 मैच सिर्फ रन और विकेट का खेल नहीं होगा बल्कि तनाव और तल्खी का इम्तिहान भी साबित हो सकता है.
अब सवाल है क्या हैंडशेक जरूरी है?
क्या हैंडशेक करना जरूरी है, ICC का नियम क्या कहता है? ऐसे में कुछ नियम खंगलाने की कोशिश की. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नियमों में कहीं इस बात का जिक्र नहीं है कि हैंडशेक करना जरूरी है. अंपायर और खिलाड़ी मैच से पहले या मैच के बाद हैंडशेक केवल खेल भावना (Sporting spirit) को ध्यान में रखकर करते हैं. ये परंपरा क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों में भी देखने को मिलती है.
-आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.1.8 के अनुसार ऐसा आचरण खेल भावना के खिलाफ और खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला माना जाता है. इसे लेवल-1 और लेवल-2 में लिस्ट किया गया है. लेवल-1 ऑफेंस (अपराध)के लिए चेतावनी देकर छोड़ी जा सकती है या 2,000 डॉलर तक का जुर्माना (Fine) लग सकता है. वहीं लेवल-2 का मामला होने पर मैच फीस का 100 फीसदी जुर्माना (Fine) लग सकता है और डिमेरिट प्वाइंट्स मिल सकते हैं. किसी प्लेयर के खाते में 24 महीनों के भीतर चार या उससे ज्यादा डिमेरिट अंक जमा होने कुछ मैच का बैन भी लगता है.
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