भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि टीम के टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों को बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COA) में सिर्फ ट्रेनिंग करने के बजाय अपने-अपने राज्यों के लिए रणजी ट्रॉफी टीमों के लिए खेलना चाहिए.
गंभीर ने जोर देकर कहा कि मैच प्रैक्टिस का कोई ऑप्शन नहीं है, खासकर जब भारत के पास साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले बेहद टाइट शेड्यूल है. भारत की टी20 टीम का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मैच 9 नवंबर को ब्रिस्बेन में है और पहला टेस्ट कोलकाता में 14 नवंबर से शुरू हो रहा है.
गंभीर ने कहा- कभी-कभी यह मुश्किल होता है, लेकिन प्रोफेशनल होना यही है. खिलाड़ियों को हर दिन का बेहतर इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में बदलाव बहुत जल्दी होता है. टेस्ट खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना ही सबसे सही तैयारी है.
गंभीर ने दोहराया कि रणजी ट्रॉफी और साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ चार दिवसीय मैच टेस्ट सीरीज से पहले खिलाड़ियों के लिए बेहद जरूरी है. गंभीर ने कहा- साउथ अफ्रीका सीरीज से पहले रणजी ट्रॉफी खेलना उतना ही महत्वपूर्ण है, उनकी टीम पूरी तरह से तैयारी में जुटी है और इसके नतीजे मैदान पर साफ दिखाई देंगे.
कौन खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में खेल सकते हैं?
जिन खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया के लिए टी20 टीम में नहीं बुलाया गया, उनमें साई सुदर्शन, रवींद्र जडेजा, देवदत्त पडिक्कल और नारायण जगदीशन शामिल हैं. ये खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी के कुछ राउंड्स में खेलते दिख सकते हैं. ऋषभ पंत, जो चोट से लौट रहे हैं, उन्हें दिल्ली की टीम की ओर से दूसरे रणजी राउंड मैच में खेलते देखा जा सकता है. इसके अलावा, प्रसिद्ध कृष्णा, ध्रुव जुरेल और केएल राहुल भी ODI सीरीज खत्म होने के बाद उपलब्ध हो सकते हैं.
‘इंडिया ए खेलों ने दिया टेस्ट की तैयारी का अनुभव’
गंभीर ने यह भी बताया कि इंडिया ए मैचों ने टेस्ट खिलाड़ियों को सीरीज से पहले अच्छी तैयारी देने में मदद की. उन्होंने केएल राहुल, साई सुदर्शन, ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल का उदाहरण दिया, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया ए और इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ खेलकर अनुभव हासिल किया.
उन्होंने कहा- तीनों फॉर्मेट खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए यह कठिन है, लेकिन टेस्ट टीम ने इंडिया ए गेम्स खेलकर शानदार तैयारी की है.
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