Asia Cup 2025: दुबई की ग्रासी पिच पर भारत का पहला इम्तिहान, टीम चयन में ये 3 सवाल बने चुनौती

भारत बुधवार को एशिया कप में यूएई से भिड़ेगा, लेकिन दुबई की हरी पिच ने टीम मैनेजमेंट के लिए चयन मुश्किल बना दिया है. अभ्यास के लिए टीम को आईसीसी एकेडमी में ट्रेनिंग करनी पड़ी और सिर्फ एक दिन पहले ही दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच देखने का मौका मिला.

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कप्तान सूर्यकुमार यादव पर बड़ी जिम्मेदारी. (X@BCCI) कप्तान सूर्यकुमार यादव पर बड़ी जिम्मेदारी. (X@BCCI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

भारतीय टीम बुधवार से एशिया कप 2025 का आगाज करने जा रही है. पहला मैच यूएई के खिलाफ भले ही आसान माना जा रहा हो, लेकिन असली चुनौती दुबई की पिच है. इंटरनेशनल स्टेडियम की सतह पर घास की मोटी परत दिखने के बाद टीम मैनेजमेंट असमंजस में है कि शुरुआती मैच में स्पिनरों को उतारा जाए या तेज गेंदबाजों पर दांव लगाया जाए. ऐसे में प्लेइंग इलेवन का कॉम्बिनेशन तय करना कप्तान और कोच के लिए बड़ी माथापच्ची बन गया है.

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सवाल 1: पिच की अनिश्चितता ने बढ़ाई मुश्किल

दुबई का यह मैदान हमेशा से रहस्यमय माना जाता है. यहां की पिचें कभी स्पिनरों को मदद देती हैं, तो कभी तेज गेंदबाजों को. इस बार हालात और भी पेचीदा हैं क्योंकि टीम को स्टेडियम पर अभ्यास की इजाजत नहीं मिली. भारतीय खिलाड़ी सिर्फ आईसीसी अकादमी में नेट्स कर पाए और मैच से एक दिन पहले ही असली पिच देखने पहुंचे. गेंदबाजी कोच मॉर्ने मोर्कल ने माना कि विकेट पर घास की परत है और चयन की चुनौती बढ़ गई है.

सवाल 2: विकेटकीपर की रेस में आगे कौन?

टीम इंडिया में लंबे समय से यह सवाल था कि विकेटकीपर की पहली पसंद कौन होगा. अब तस्वीर साफ होती दिख रही है. जितेश शर्मा को लगातार मौके मिले हैं और वह पहले पसंद विकेटकीपर के तौर पर लगभग तय हैं. शुभमन गिल वापसी कर रहे हैं और अभिषेक शर्मा के साथ ओपनिंग करने उतरेंगे.

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दूसरी ओर, संजू सैमसन को अभ्यास में बहुत कम मौके मिले. उन्होंने नेट्स में मुश्किल से कुछ मिनट ही विकेटकीपिंग की और ज्यादातर समय बल्लेबाज़ी का इंतजार करते रहे. यह संकेत है कि फिलहाल उनकी जगह प्लेइंग इलेवन में नहीं बन पा रही.

सवाल 3: नंबर-8 स्लॉट पर माथापच्ची

टीम इंडिया की सबसे बड़ी दुविधा नंबर-8 पोजीशन को लेकर है. विकल्प यह है कि बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए शिवम दुबे जैसे ऑलराउंडर को उतारा जाए, जिन्होंने नेट्स में गेंदबाजी भी की है... या फिर जसप्रीत बुमराह के साथ नए गेंद से अर्शदीप सिंह या हर्षित राणा को खिलाया जाए और हार्दिक पंड्या तीसरे तेज गेंदबाज बनें. पिछले कुछ दिनों से टीम मैनेजमेंट छठे गेंदबाज के विकल्प पर भी काम कर रहा है, जिसमें अभिषेक शर्मा को आजमाया गया है.

मोर्कल का कहना है कि ऑलराउंडर्स की मौजूदगी कप्तान को कई विकल्प देती है और यही वजह है कि टीम अभी सभी कॉम्बिनेशन ट्राई कर रही है.

जसप्रीत बुमराह... धारदार आक्रमण की जिम्मेदारी. (X@BCCI)

चैम्पियंस ट्रॉफी की सीख और मौजूदा स्थिति

मार्च में दुबई में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत ने मोहम्मद शमी के अलावा चार स्पिनरों को उतारा था. तब टीम के पास रवींद्र जडेजा जैसा भरोसेमंद ऑलराउंडर था, जो बैटिंग-गेंदबाजी दोनों से बैलेंस बनाते थे. लेकिन अब जडेजा टी20 से संन्यास ले चुके हैं, जिससे स्पिन-हैवी कॉम्बिनेशन संभव नहीं लग रहा.

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रणनीति और आगे की राह

गर्मी को देखते हुए टीम ने मंगलवार को वैकल्पिक ट्रेनिंग सेशन रखा है. यूएई के खिलाफ मैच तो शायद आसान हो, लेकिन असली परीक्षा 14 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ होगी. उससे पहले भारत कॉम्बिनेशन और पिच को समझने की पूरी कोशिश करेगा.

क्या कह रहे हैं मोर्कल?

मॉर्ने मोर्कल ने साफ किया, 'हम सभी विकल्प खुले रख रहे हैं. मैच के दिन हालात देखकर ही फैसला होगा. टीम का मकसद यही है कि कप्तान के पास अधिक से अधिक विकल्प हों, ताकि हर स्थिति में सही कॉम्बिनेशन चुना जा सके.'

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