इंडोनेशिया के उत्तर सुमात्रा में बटांग टोरू के घने जंगलों में एक अजीब सन्नाटा छा गया है. यहां रहने वाले दुनिया के सबसे दुर्लभ बंदर – तपनुली ओरंगुटान – अब नजर नहीं आ रहे. 25 नवंबर को आए चक्रवात सेन्यार ने भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मचाई. संरक्षण कार्यकर्ताओं को डर है कि ये क्रिटिकल रूप से लुप्तप्राय प्रजाति के बंदर बह गए हों या मारे गए हों.
इस हफ्ते सेंट्रल तपनुली जिले के पुलो पक्कत गांव में राहत कार्यकर्ताओं को कीचड़ और लकड़ियों के ढेर में एक मृत जानवर मिला. संरक्षण कार्यकर्ता डेके चंद्रा ने बताया कि शुरू में पता नहीं चला, क्योंकि चेहरा खराब हो गया था. लेकिन ये तपनुली ओरंगुटान का लगता है. चंद्रा पहले इन बंदरों के संरक्षण में काम कर चुके हैं.
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फोटो में लाल बाल और खोपड़ी की साइज से पुष्टि हो रही है कि ये तपनुली ओरंगुटान का शव है. ये प्रजाति 2017 में ही खोजी गई थी. दुनिया में इनकी संख्या 800 से भी कम है. अगर 30-50 भी मर गए तो प्रजाति पर बड़ा खतरा हो जाएगा.
चक्रवात सेन्यार से चार दिनों में 1000 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई. 900 से ज्यादा लोग मारे गए. कई गांव पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. सैटेलाइट इमेज से पता चला कि 7200 हेक्टेयर जंगल भूस्खलन से नष्ट हो गया. पहले घना जंगल था, अब नंगी मिट्टी दिख रही है.
वैज्ञानिक एरिक मेजार्ड कहते हैं कि इस इलाके में 35 ओरंगुटान रहते थे. इतनी तेज तबाही में बचना मुश्किल है. ये प्रजाति के लिए विलुप्ति स्तर का झटका है. वो सैटेलाइट से अध्ययन कर रहे हैं.
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कुछ लोकल लोग कहते हैं कि बंदर खतरा भांपकर भाग गए होंगे. लेकिन विशेषज्ञ सर्ज विच कहते हैं कि भारी बारिश में ओरंगुटान पेड़ पर बैठकर इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार भूस्खलन इतना तेज था कि बचना नामुमकिन लगता है. बटांग टोरू का जंगल इनका एकमात्र घर है. पहले से माइनिंग, पाम ऑयल और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से खतरा था. अब बाढ़ ने और नुकसान किया.
सुमात्राई हाथी का शव भी बाढ़ में बहता मिला. टाइगर, राइनो जैसे दुर्लभ जानवरों को भी खतरा है. ओरंगुटान रिसर्च सेंटर भी तबाह हो गए. संरक्षण कार्यकर्ता पनुत हदिसिस्वोयो कहते हैं कि जंगल अब शांत है. सभी विकास कार्य रोकने चाहिए. इलाके को पूरी तरह संरक्षित करें.
इंडोनेशिया सरकार ने बटांग टोरू में प्राइवेट एक्टिविटी रोक दी है. वैज्ञानिक तुरंत सर्वे और जंगल बहाली की मांग कर रहे हैं. ये बाढ़ जलवायु परिवर्तन और जंगल कटाई का नतीजा है. तपनुली ओरंगुटान की जिंदगी अब और मुश्किल हो गई है.
आजतक साइंस डेस्क