क्या पाकिस्तान का कराची तबाही के करीब है? भूकंप के 21 झटके धरती के अंदर बड़े हलचल के दे रहे संकेत

कराची में 2 जून 2025 को 24 घंटे में तीन भूकंप आए, 48 घंटे में 21 झटके (2.1-3.6 तीव्रता) दर्ज हुए. लांढी फॉल्ट, अरेबियन-यूरेशियन प्लेट्स की हलचल, नरम मिट्टी और भूजल कमी इसके कारण हैं. छोटे भूकंप तनाव रिलीज करते हैं, लेकिन बड़े भूकंप का खतरा है.

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कराची में आ रहे भूकंपों ने लोगों को डरा दिया है. (फाइल फोटोः गेटी) कराची में आ रहे भूकंपों ने लोगों को डरा दिया है. (फाइल फोटोः गेटी)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर कराची भूकंप के झटकों से हिल रहा है. 2 जून 2025 को 24 घंटे में तीन भूकंप आए. 48 घंटे में 21 छोटे-मध्यम भूकंप (2.1 से 3.6 तीव्रता) दर्ज किए गए. इन झटकों ने लोगों में डर और सवाल पैदा किए हैं: कराची में बार-बार भूकंप क्यों आ रहे हैं? क्या जमीन की परतों में कोई बड़ी हलचल हो रही है? 

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कराची में हाल के भूकंप 

2 जून 2025: कराची के कायदाबाद में सुबह 3.2 तीव्रता का भूकंप आया. इसके पहले रविवार (1 जून) को 5:33 बजे शाम 3.6 तीव्रता का झटका लगा, जिसका असर खोखरापार, मलीर, लांढी, फ्यूचर मोर, गुल अहमद और हॉस्पिटल चौरंगी तक हुआ.

48 घंटे में 21 भूकंप: 1-2 जून 2025 को कराची में 2.1 से 3.6 तीव्रता के 21 झटके आए. सबसे बड़ा झटका 3.6 तीव्रता का था, जिससे मलीर जेल की दीवार का हिस्सा गिर गया. 216 कैदी भाग गए.

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पिछले रिकॉर्ड

फरवरी 2025 में कराची में 20 छोटे भूकंप (औसतन एक झटका रोज) आए. मई 2025 में 4.2 से 4.9 तीव्रता के सात भूकंप दर्ज हुए. अप्रैल 2024 में 3.2 तीव्रता का भूकंप मलीर के पास आया, जिसका केंद्र 12 किमी गहराई पर था. अभी तक इन भूकंपों से जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन मलीर जेल की घटना ने चिंता बढ़ाई. 

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भूकंप क्या है और क्यों आता है?

भूकंप तब आता है जब जमीन की परतों (टेक्टोनिक प्लेट्स) में हलचल होती है. धरती की सबसे ऊपरी परत, जिसे लिथोस्फीयर कहते हैं, कई बड़े टुकड़ों (टेक्टोनिक प्लेट्स) में बंटी है. ये प्लेट्स धरती के अंदर की गर्मी और एस्थेनोस्फीयर (आंशिक रूप से पिघली परत) के कारण धीरे-धीरे खिसकती हैं.

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  • फॉल्ट लाइन: जब दो प्लेट्स आपस में टकराती, खिसकती या दूर होती हैं, तो फॉल्ट (दरार) बनती है. इन दरारों पर तनाव जमा होता है. जब यह तनाव अचानक रिलीज होता है, तो भूकंप आता है.
  • सीस्मिक तरंगें: भूकंप की ऊर्जा P-तरंग (तेज, संपीड़न) और S-तरंग (धीमी, बगल में हिलाने वाली) के रूप में फैलती है, जिससे जमीन हिलती है.

तीव्रता और मैग्निट्यूड

मैग्निट्यूड: भूकंप की ऊर्जा को रिक्टर स्केल या मोमेंट मैग्निट्यूड स्केल पर मापा जाता है. 3 से कम तीव्रता वाले भूकंप हल्के, 4-6 मध्यम और 7+ बड़े माने जाते हैं.

इंटेंसिटी: मर्कली स्केल पर भूकंप का असर (नुकसान, हिलना) मापा जाता है.

कराची में भूकंप के कारण

कराची में बार-बार भूकंप आने के पीछे प्राकृतिक और मानव-निर्मित कारण हैं. मुख्य कारणों को समझें...

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1. टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल

पाकिस्तान तीन प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स—अरेबियन, यूरेशियन और इंडियन—के जंक्शन पर है, जिसके कारण यह खतरनाक भूकंप क्षेत्र है. 

लांढी फॉल्ट लाइन: कराची में लांढी फॉल्ट सक्रिय हो गई है, जो एक सदी से निष्क्रिय थी. यह फॉल्ट छोटे भूकंपों का कारण बन रही है.

कराची का स्थान: कराची अरेबियन सागर के किनारे है, जहां अरेबियन प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे सबडक्शन (धंसना) कर रही है. यह हलचल भूकंप पैदा करती है.

छोटे भूकंप का फायदा: विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे भूकंप टेक्टोनिक तनाव को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं, जिससे बड़े भूकंप का खतरा कम हो सकता है.

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2. भूजल और निर्माण

कराची में भूकंप के लिए मानव-निर्मित गतिविधियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं...

भूजल की कमी: कराची में अवैध भूजल पंपिंग और नदी तल पर निर्माण ने जमीन को कमजोर किया है. इससे छोटे भूकंप आ सकते हैं.

खराब निर्माण: कराची में कई इमारतें बिना भूकंप-रोधी डिज़ाइन के बनी हैं. 3.6 तीव्रता के भूकंप ने मलीर जेल की दीवार गिरा दी, जो खराब निर्माण का सबूत है.

नरम मिट्टी: कराची के कुछ हिस्सों, जैसे मलीर और कोरंगी में नरम मिट्टी है, जो भूकंप की तरंगों को बढ़ा देती है.

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3. अन्य संभावित कारण

प्रेरित भूकंपीयता (Induced Seismicity): खनन, तेल-गैस निकालना या पानी के जलाशय बनाना भूकंप पैदा कर सकता है. कराची में तेल और गैस की गतिविधियां इसकी जांच की मांग करती हैं.

जलवायु परिवर्तन: कुछ अध्ययन बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन से भूजल स्तर और मिट्टी की स्थिरता प्रभावित हो सकती है, जो भूकंप को बढ़ावा दे सकती है. हालांकि, कराची के लिए यह अभी पुष्ट नहीं है.

क्या बड़े भूकंप का खतरा है?

  • पाकिस्तान मौसम विभाग (PMD): PMD के डीजी महर साहिबजाद खान का कहना है कि ये छोटे भूकंप 2-3 दिन तक रह सकते हैं, लेकिन स्थिति सुधरेगी. कराची के लिए चिंता की कोई बात नहीं.
  • अमीर हैदर लघारी (मौसम विशेषज्ञ): लघारी ने चेतावनी दी कि कोरंगी और मलीर की छोटी फॉल्ट लाइनें सक्रिय हैं. उन्होंने सरकार से लोगों को चेतावनी जारी करने को कहा.
  • स्वतंत्र विशेषज्ञ: कुछ भूवैज्ञानिकों का मानना है कि छोटे भूकंप बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं.
  • अंतरराष्ट्रीय निगरानी: USGS और भारत का NCS ने 1 जून से कराची में कोई भूकंपीय गतिविधि दर्ज नहीं की, जो स्थानीय निगरानी सिस्टम पर सवाल उठाता है.

पाकिस्तान का भूकंपीय इतिहास

पाकिस्तान में रिंग ऑफ फायर (प्रशांत महासागर की सीमा) और अल्पाइड बेल्ट (हिमालय से यूरोप तक) के कारण बड़े भूकंप आए हैं. 2005 का मुजफ्फराबाद भूकंप (7.6 तीव्रता) इसका उदाहरण है. कराची में बड़े भूकंप का रिकॉर्ड नहीं, लेकिन इसकी टेक्टोनिक स्थिति इसे जोखिम में रखती है.

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जमीन की परतों में हलचल

कराची के नीचे जमीन की परतें लिथोस्फीयर (20-100 किमी मोटी) और उसके नीचे एस्थेनोस्फीयर हैं. 

लांढी फॉल्ट: यह एक स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट हो सकती है, जहां प्लेट्स बगल में खिसकती हैं.

सबडक्शन: अरेबियन प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे धंस रही है, जिससे तनाव पैदा होता है.

नरम मिट्टी का प्रभाव: कराची के तटीय क्षेत्रों में नरम मिट्टी और भूजल की कमी से भूकंपीय तरंगें बढ़ जाती हैं.

गहराई: हाल के भूकंप 5-12 किमी गहराई पर आए, जो उथले भूकंप हैं और ज्यादा हिलाते हैं.

प्रभाव और जोखिम

  • सामाजिक प्रभाव: भूकंप के डर से लोग सोशल मीडिया पर अफवाहें फैला रहे हैं. मलीर जेल की घटना ने सुरक्षा चिंताएं बढ़ाईं. 
  • आर्थिक नुकसान: छोटे भूकंपों से अभी बड़ा नुकसान नहीं, लेकिन खराब निर्माण वाली इमारतें खतरे में हैं.
  • प्राकृतिक आपदाएं: IDMC की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत और दक्षिण एशिया में 2015-2024 में 3.2 करोड़ लोग बाढ़ और तूफानों से विस्थापित हुए. भूकंप इस जोखिम को और बढ़ा सकते हैं.

समाधान और सुझाव

बेहतर निगरानी: कराची में भूकंपीय स्टेशन बढ़ाने चाहिए. USGS और NCS की अनुपस्थिति स्थानीय सिस्टम की कमजोरी दिखाती है.

भूकंप-रोधी निर्माण: नई इमारतें भूकंप-रोधी कोड के अनुसार बनें. पुरानी इमारतों का रेट्रोफिटिंग जरूरी है.

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भूजल प्रबंधन: अवैध पंपिंग रोककर भूजल स्तर बनाए रखें.

जागरूकता: लोगों को भूकंप सुरक्षा किट, आपातकालीन योजना और सही जानकारी देनी चाहिए.

कराची में बार-बार भूकंप लांढी फॉल्ट, अरेबियन-यूरेशियन प्लेट्स की हलचल, नरम मिट्टी और मानव-निर्मित गतिविधियों (जैसे भूजल कमी) के कारण आ रहे हैं. छोटे भूकंप तनाव रिलीज कर रहे हैं, लेकिन बड़े भूकंप का जोखिम बना हुआ है. बेहतर निगरानी, भूकंप-रोधी निर्माण और जागरूकता से कराची को सुरक्षित किया जा सकता है. 

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