Ax-4 Mission: क्वारनटीन में भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला, स्पेस स्टेशन में जाने से पहले क्या होता है पूरा प्रोसेस?

Ax-4 मिशन एक ऐतिहासिक कदम है जो मानव अंतरिक्ष यात्रा को आगे बढ़ाएगा. वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देगा. चालक दल की कड़ी मेहनत और तैयारी के बाद, वे जल्द ही अपनी यात्रा शुरू करेंगे. दुनिया बड़ी उम्मीदों के साथ इस मिशन का इंतजार कर रही है. क्वारंटाइन अवधि और विदाई समारोह जैसे कदम इस मिशन की सफलता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.

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भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला के ऐक्सियोम मिशन के अंतरिक्षयात्री. (सभी फोटो: SpaceX) भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला के ऐक्सियोम मिशन के अंतरिक्षयात्री. (सभी फोटो: SpaceX)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

26 मई, 2025 को Ax-4 टीम ने फ्लोरिडा पहुंचकर दो सप्ताह की क्वारंटाइन अवधि शुरू की. उनका पहला दिन पूरा हो गया है. यह मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर जा रहा है, जो ऐक्सियोम स्पेस, स्पेसएक्स और नासा मिलकर पूरा करेंगे.  

मिशन की लॉन्चिंग 8 जून, 2025 को या उससे पहले फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होने की उम्मीद है. यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह इन देशों की 40 साल से अधिक समय बाद पहली सरकार प्रायोजित अंतरिक्ष यात्रा है.  

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मिशन का चालक दल

चालक दल चार सदस्यों से बना है, जिनमें शामिल हैं... 


 

  • पेगी व्हिट्सन: कमांडर, जो पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और ऐक्सियोम स्पेस की मानव अंतरिक्ष यान उड़ान निदेशक हैं. वे अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिनके पास 675 दिन से अधिक का अंतरिक्ष अनुभव है.  
  • शुभांशु शुक्ला: पायलट, जो भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और ISRO के अंतरिक्ष यात्री हैं. वे भारत के लिए इस मिशन में पहली बार ISS जाएंगे, जो भारत के गगनयान मिशन का हिस्सा हैं.  
  • स्लावोस्ज़ उज़्नान्स्की: मिशन विशेषज्ञ, पोलैंड से हैं जो ESA के अंतरिक्ष यात्री हैं. यह पोलैंड की 1978 के बाद पहली मानव अंतरिक्ष यात्रा है.  
  • टिबर कापु: मिशन विशेषज्ञ, हंगरी से हैं जो हंगेरियन स्पेस ऑफिस का प्रतिनिधित्व करते हैं. यह हंगरी की सोवियत संघ के पतन के बाद पहली अंतरिक्ष यात्रा है.

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मिशन का उद्देश्य और महत्व

Ax-4 मिशन ISS पर लगभग दो से तीन सप्ताह तक रहेगा, जहां चालक दल वैज्ञानिक प्रयोग, तकनीकी प्रदर्शन और शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग लेगा. इन प्रयोगों में माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का अध्ययन, नई तकनीकों का परीक्षण और पृथ्वी अवलोकन शामिल हैं. मिशन में लगभग 60 अनुसंधान गतिविधियां हैं, जो 31 देशों, जैसे भारत, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, यूएई और यूरोप के अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करती हैं.

यह मिशन न केवल वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देगा, बल्कि अंतरिक्ष में मानव उपस्थिति को विस्तार देगा.  Axiom स्पेस विश्व का पहला व्यावसायिक अंतरिक्ष स्टेशन, ऐक्सियोम स्टेशन बना रहा है, जो माइक्रोग्रैविटी में इनोवेशन और अनुसंधान को बढ़ावा देगा. 

क्वारंटाइन अवधि और उसका महत्व

Ax-4 टीम ने फ्लोरिडा पहुंचकर दो सप्ताह की क्वारंटाइन अवधि शुरू की. उनका पहला दिन 25 मई, 2025 को पूरा हुआ. क्वारंटाइन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चालक दल स्वस्थ है. मिशन के दौरान किसी भी बीमारी से प्रभावित न हो.

यह एक मानक प्रक्रिया है जो अंतरिक्ष मिशनों की सुरक्षा और सफलता सुनिश्चित करती है. क्वारंटाइन के दौरान, चालक दल को अलग-थलग रखा जाता है. उनकी स्वास्थ्य जांच की जाती है, ताकि ISS पर अन्य अंतरिक्ष यात्रियों और प्रयोगों को कोई खतरा न हो.  

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चालक दल का स्वागत और परंपरा

मिशन शुरू होने से पहले, ऐक्सियोम स्पेस के कर्मचारियों ने चालक दल को विदाई समारोह से सम्मानित किया. यह एक परंपरा है, जो चालक दल की मेहनत और समर्पण को पहचानती है. उन्हें प्रेरणा देती है. इस समारोह में कर्मचारियों ने चालक दल को शुभकामनाएं दीं और उनकी सफलता की कामना की.

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