केरल के तट से दूर अरब सागर में 25 मई 2025 को डूबे कंटेनर जहाज MSC एल्सा 3 के मलबे ने समुद्र को जहर से भर दिया है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सेंटर फॉर मरीन लिविंग रिसोर्सेज एंड इकोलॉजी (CMLRE) की रिपोर्ट ने सबसे बुरे डर को सच साबित कर दिया. जहाज से तेल रिसाव ने पानी की क्वालिटी, प्लैंकटन, समुद्री जीव, मछली के अंडे-लार्वा और बड़े समुद्री जानवरों को नुकसान पहुंचाया. हफ्तों बाद भी तेल के धब्बे दिख रहे हैं.
25 मई 2025 को लाइबेरियन फ्लैग वाला कंटेनर जहाज MSC एल्सा 3, जो विजिनजम से कोच्चि जा रहा था, उसके एक होल्ड में पानी भर गया. मॉनसून की तेज हवा से जहाज डूब गया. यह कोच्चि से 38 नॉटिकल माइल (करीब 70 किमी) दूर डूबा.
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जहाज पर 640 कंटेनर थे, जिनमें कैल्शियम कार्बाइड, सल्फर, रबर सॉल्यूशन और तेल भरा था. तुरंत तेल के धब्बे फैल गए. कोच्चि से कन्याकुमारी तक मछुआरे घबरा गए. पूंथुरा के मछुआरा जोसेफ मैनुअल ने कहा कि हमारे जाल में मरी हुई सार्डीनें आ रही थीं. समुद्र डीजल की बदबू से भरा था.
केरल सरकार ने इसे स्टेट डिजास्टर घोषित किया. इंडियन कोस्ट गार्ड ने INS सुजाता, ICGS अर्नवेश और ICGS सकष्म तैनात किए. डॉर्नियर विमान से तेल के धब्बों की निगरानी की. लेकिन शुरुआत में रिस्पॉन्स धीमा रहा.
जून 2-12 तक FORV सागर संपदा जहाज से 23 जगहों पर सैंपल लिए गए. रिपोर्ट में पाया गया...
रिपोर्ट कहती है कि मलबा स्थानीय हाइड्रोकार्बन और हेवी मेटल प्रदूषण का स्रोत बन गया. तेल के धब्बे हफ्तों बाद भी दिख रहे, भले ही तेज धाराएं हों.
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केरल में भारत की कुल 15% मछली पकड़ी जाती है. मॉनसून सीजन में मछली सबसे ज्यादा मिलती है, लेकिन जहाज डूबने से जाल तेल से गंदे हो गए. पकड़ कम हो गई. मछुआरे कर्ज, ईंधन महंगाई और घटती मछली से पहले ही परेशान थे. ग्रीनपीस इंडिया ने 'टिकिंग इकोलॉजिकल टाइम बम' कहा. राधिका मेनन ने कहा कि हर लहर जहाज से जहर ला रहा, जो फूड चेन में जा रहा.
अरब सागर पहले से तनावग्रस्त है- तापमान बढ़ना, ऑक्सीजन कम होना, औद्योगिक मछली पकड़ना. मरीन बायोलॉजिस्ट मिनी जोसेफ कहती हैं कि यह एकबारगी रिसाव नहीं, क्रॉनिक लीक है. मलबा सील न किया गया, तो पीढ़ियों का नुकसान होगा.
अंतरराष्ट्रीय कानून से सरकार शिपओनर्स से नुकसान मांग सकती है, लेकिन जहाज पनामा फ्लैग का, यूरोप से ऑपरेट, इंश्योरेंस कहीं और- जिम्मेदारी तय करना मुश्किल. PUCL के वकील एम. मुहम्मद अबूबकर कहते हैं कि मछुआरे विदेशी अदालतों में लड़ नहीं सकते. सरकार को अंतरराष्ट्रीय दावा करना होगा.
CMLRE रिपोर्ट पहली आधिकारिक पुष्टि है कि MSC एल्सा 3 का मलबा जहर फैला रहा. केरल के मछुआरों और समुद्री जीवन के लिए खतरा बढ़ा. रिपोर्ट ने मलबे के ईंधन टैंकों को सील करने और लंबे समय की निगरानी की मांग की. सरकार को तेजी से कदम उठाने होंगे, वरना नुकसान और बढ़ेगा.
आजतक साइंस डेस्क