दिल्ली की हवा में फैला प्रदूषण लोगों की जिंदगी को 8.2 साल तक कम कर रहा है. शिकागो विश्वविद्यालय की 'एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (AQLI) 2025' रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. यहां का PM2.5 स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक से 20 गुना ज्यादा है.
2023 में दिल्ली में PM2.5 का औसत स्तर 111.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो WHO के 5 माइक्रोग्राम के मानक से 22 गुना अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों का धुआं, औद्योगिक प्रदूषण और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना इसकी मुख्य वजहें हैं.
दिल्ली की हवा: दुनिया में सबसे खराब
AQLI रिपोर्ट जो शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) ने तैयार की, सैटेलाइट डेटा के आधार पर दुनिया और क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का विश्लेषण करती है. यह बताती है कि प्रदूषण लोगों की सेहत और जिंदगी पर कितना असर डाल रहा है.
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2023 में दिल्ली में PM2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण) का स्तर 111.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था. WHO का मानक 5 माइक्रोग्राम है यानी दिल्ली की हवा 22 गुना ज्यादा जहरीली है. PM2.5 छोटे कण हैं जो फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर सांस की बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं.
रिपोर्ट कहती है कि अगर यह प्रदूषण स्तर बना रहा, तो दिल्लीवासियों की औसत आयु 8.2 साल कम हो सकती है. यह किसी भी शहर में प्रदूषण से होने वाला सबसे बड़ा जीवन हानि का आंकड़ा है. गंगा के मैदान, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश शामिल हैं, दुनिया का सबसे प्रदूषित क्षेत्र है. इस क्षेत्र में 60 करोड़ लोग रहते हैं. यहां प्रदूषण से सबसे ज्यादा स्वास्थ्य जोखिम है.
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दिल्ली क्यों डूब रही है जहर में?
दिल्ली की जहरीली हवा के कई कारण हैं, जो स्थानीय और क्षेत्रीय दोनों हैं. विशेषज्ञों ने इन्हें चिन्हित किया है...
8.2 साल का नुकसान क्यों?
AQLI की गणना बताती है कि PM2.5 का हर 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि जीवन प्रत्याशा को 0.64 साल कम करती है. दिल्ली में PM2.5 स्तर WHO मानक से 106.4 माइक्रोग्राम ज्यादा है, जो 8.2 साल की हानि का कारण है. प्रभाव इस प्रकार हैं...
दिल्ली की हवा को साफ कैसे करें?
विशेषज्ञों ने प्रदूषण कम करने के लिए कई उपाय सुझाए हैं, जो तुरंत लागू किए जा सकते हैं...
AQLI 2025 की रिपोर्ट दिल्ली के लिए खतरे की घंटी है. 8.2 साल की जीवन हानि कोई छोटी बात नहीं. दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. इसका समाधान तुरंत चाहिए. अगर PM2.5 को WHO मानक (5 माइक्रोग्राम) तक लाया जाए, तो दिल्लीवासियों की जिंदगी 8 साल बढ़ सकती है.
सरकार, उद्योग और जनता को मिलकर वाहन, पराली और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को रोकना होगा. यह केवल दिल्ली की नहीं, बल्कि पूरे इंडो-गंगा मैदान की सेहत का सवाल है. समय कम है, लेकिन सही कदमों से दिल्ली की हवा को साफ किया जा सकता है.
आजतक साइंस डेस्क