निष्ठा बचपन से ही सुनने में अक्षम हैं और वह इस प्रतिष्ठित प्रतियोगितe को जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं.
ब्यूटी क्वीन निष्ठा को चीन, थाइलैंड, ताइवान, इजरायल, चेक गणराज्य, बेलारूस, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की सुंदरियों ने चुनौती दी लेकिन सबको पीछे छोड़ते हुए निष्ठा ने खिताब अपने नाम कर लिया.
अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद निष्ठा ने फेसबुक पेज पर लिखा, 'क्या पल था! यह भावुक करने वाला था. यह ऐसा कुछ है जिसे मैं जिंदगी भर सहेज कर रखना चाहूंगी. पहली बार भारत ने मिस ऐंड मिस्टर डेफ वर्ल्ड पीजेंट में कोई क्राउन जीता है, मुझे खुशी है कि मैंने भारत के लिए यह खिताब जीता.'
भारत लौटने के बाद निष्ठा ने कहा, मैं अपने पैरेंट्स को शुक्रिया कहना चाहती हूं जो हमेशा मेरी मदद के लिए मौजूद रहे. अब मैं वंचित लोगों की मदद करना चाहती हूं चाहे इसके लिए मुझे अपनी सुख-सुविधाएं ही क्यों ना छोड़नी पड़े. मेरा मानना है कि डिफरेन्टली एबल्ड लोगों को दया की जरूरत नहीं है, उन्हें केवल खुद को साबित करने के लिए बराबर मौकों की दरकार है.
निष्ठा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वरा कॉलेज से ग्रैजुएशन किया है और फिलहाल यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से एमए कर रही हैं.
स्टडीज में शानदार प्रदर्शन के अलावा वह टेनिस की भी अच्छी खिलाड़ी रही हैं. वह डेफलंपिक्स, वर्ल्ड डेफ टेनिस चैंपियनशिप 2015 और डेफलंपिक्स 2017 में भी भाग ले चुकी हैं.
23 साल की निष्ठा का मानना है कि उन्होंने मिस डेफ एशिया का खिताब सिर्फ अपनी लगन के दम पर ही जीता है. इसके साथ ही उनका मानना है कि उनकी इस कामयाबी के पीछे उनकी मां का सबसे बड़ा हाथ है.
निष्ठा दिल्ली के चाणक्यपुरी में रहती हैं. उनके पिता वेद प्रकाश डुडेजा उत्तर रेलवे में चीफ इंजीनियर हैं.
निष्ठा बताती हैं, ‘मैंने इस प्रतियोगिता के लिए लंबे समय तक तैयारी की, जिसमें सबसे ज्यादा हिम्मत मेरी मां ने बढ़ाई. इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए मैंने कई तरीके की चीजें सीखी, जिसमें डांस करना मेकअप करना कैटवॉक करना मुख्य रूप से था.’