दिल्ली: सत्येंद्र जैन को झटका, मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. सत्येंद्र के अलावा कोर्ट ने बाकी दो अभियुक्त अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका भी रद्द कर दी है. जमानत पर फैसला 16 नवंबर को सुनाया जाना था. लेकिन आदेश टाइप न हो पाने के कारण एक दिन की देरी हो गई.

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सत्येंद्र जैन (File Photo) सत्येंद्र जैन (File Photo)

अनीषा माथुर / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र की सभी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. सत्येंद्र जैन के अलावा कोर्ट ने बाकी दो अभियुक्त अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका भी रद्द कर दी है. कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 2 बजे इस मामले पर अपना फैसला सुनाया. याचिका खारिज होने के बाद जैन के वकील ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती देंगे. उन्होंने दावा किया कि उनकी ठोस दलीलों को दरकिनार रखा गया है.

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दरअसल, पहले जमानत पर फैसला 16 नवंबर को सुनाया जाना था. लेकिन 16 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तीन आरोपियों में से एक आरोपी का आदेश अभी नहीं लिखा गया है. इस मामले में सभी तीन आरोपियों की जमानत पर एक साथ फैसला सुनाना है. फैसला लिखवाने और टाइप करवाने में समय लगेगा. इसलिए कोर्ट ने फैसले को गुरुवार दोपहर तक टाल दिया था.

पहले ही सुरक्षित रख लिया था फैसला

बता दें कि 11 नवंबर को ही आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बीते शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख 16 नवंबर तय की थी, जिसे आज (17 नवंबर) को सुनाया गया. जानकारी के मुताबिक जैन ने कोर्ट से उन्हें जमानत देने का आग्रह करते हुए कहा था कि अब उन्हें हिरासत में रखने का कोई उद्देश्य नहीं है.

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जेल में बंद हैं सत्येंद्र जैन

गौरतलब है कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था. इससे पहले अप्रैल महीने में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं. जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाईं और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया.

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