पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 5 अगस्त को आई आपदा ने धराली (Dharali) के सुकून को तबाह कर दिया. जो जगह कुछ दिनों पहले ज़िंदगी की जद्दोजहद से परेशान लोगों के लिए सुकून की तलाश का ज़रिया हुआ करती थी, वहां अब मलबे, बिखरे हुए पत्थर, कीचड़ और गाद का एक वीरान ढेर जमा हुआ है. होटल्स ज़मीन में धंस गए हैं, लोगों के आशियाने दलदल का हिस्सा हो गए हैं.
जो आंखें धराली पहुंचकर वहां के ख़ुशनुमा नज़ारों को देखने के लिए लालायित रहा करती थीं, आज वही तबाही के मज़र से सहमी हुई हैं. धराली के मंज़र देखकर लोगों में दहशत का आलम है.
धराली को आज जिस रूप में देखा जा रहा है, उसे देखने का दर्द यहीं खत्म पर नहीं होता. मौके पहुंचने वाले लोगों को हर कदम पर याद आता है कि मलबे के नीचे न जाने कितने लोग दबे हुए हैं.
एक झटके में तबाही...
धराली की घाटी में जम चुके मलबे के कई फीट नीचे दबे हुए लोगों की सही तादाद क्या है, यह किसी को नहीं पता है. 'गुस्साई प्रकृति' ने ऐसा क़हर बरपाया कि लोग दुनिया से जाने से पहले अपना दर्द भी नहीं बयां कर सके, चिल्ला कर मदद भी नहीं मांग सके. एक झटके में उनकी दुनिया इधर से उधर हो गई.
अचानक आई आपदा के बाद भारतीय सेना के जवान, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, अग्निशमन विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन सहित मेडिकल की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. हादसे के बाद हालात ऐसे हैं कि सही तरीके से बचाव अभियान भी नहीं चल पा रहा है.
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खराब मौसम की वजह से धराली में बचाव और निकासी अभियान आठवें दिन आज यानी 12 अगस्त को फिर से शुरू नहीं हो सका है. सोमवार को लगातार बारिश के कारण भी यह अभियान रोक दिया गया था. हादसे के बाद अभी तक कुल 1308 लोगों को बचाया गया है. सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं. वहीं, 5 लोगों की मौत बताई जा रही है.
स्टडी के लिए पहुंचेंगे एक्सपर्ट्स...
आज सात वैज्ञानिकों की एक टीम भी धराली पहुंच रही है, जो तबाही के पीछे की वजहों की स्टडी करेगी. एनआईएम की टीम घटनास्थल की तस्वीरें लेगी. इसके साथ ही, ULLLMC और GCI के डायरेक्टर, सलाहकार, CBRI रुड़की, IIT के प्रोफेसर और वाडिया संस्थान के वैज्ञानिक आज धराली पहुंचेंगे.
उत्तराखंड के कई जिलों में अलर्ट
उत्तरकाशी सहित करीब दस जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. उत्तराखंड के हरिद्वार ज़िले में गंगा नदी आज सुबह 9:00 बजे सामान्य से ऊपर बह रही है. सुबह 9:00 बजे, यह 293.05 मीटर के स्तर पर बह रही थी और इसका जलस्तर बढ़ रहा है, जो इसके चेतावनी स्तर 293 मीटर से 0.05 मीटर ऊपर और इसके ख़तरे के स्तर 294 मीटर से 0.95 मीटर नीचे है.
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उत्तराखंड के लिए अगले पांच दिन बेहद अहम हैं क्योंकि मौसम विभाग ने कई ज़िलों में बारिश के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. आपदा प्रबंधन तंत्र भी सक्रिय हो गया है. लोगों को जलाशयों के पास न जाने की सलाह दी गई है. कई ज़िलों ने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा, आपात स्थिति के लिए टोल-फ्री नंबर भी जारी किए गए हैं.
रुद्रप्रयाग सहित उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की आईएमडी की चेतावनी की वजह से सोमवार को केदारनाथ यात्रा तीन दिनों के लिए स्थगित कर दी गई. देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने 12, 13 और 14 अगस्त को राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिकारियों को सतर्क और अलर्ट मोड पर रहने को कहा है.
आशुतोष मिश्रा / अंकित शर्मा