बंगाल: पंचायत चुनाव में महिला वोटर्स की ये नाराजगी टीएमसी को पड़ सकती है भारी

बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक टीम ने पिछले पच्चीस दिनों में दक्षिण बंगाल के एक बड़े हिस्से को कवर किया और महिलाओं से बातचीत की. टीएमसी के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि गांवों में रहने वाली महिलाओं ने शीर्ष नेताओं से कहा है कि वे चाहती हैं कि सरकार को पीएम आवास योजना के तहत फंड बांटने पर ध्यान देना चाहिए.

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ममता बनर्जी ममता बनर्जी

ऋतिक

  • कोलकाता,
  • 30 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के अंदर एक इंटरनल एनालिसिस ने पार्टी को पंचायत चुनाव से पहले चिंतित कर दिया. दरअसल इसमें मालूम हुआ है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण घरों के वितरण के संबंध में पिछले कुछ वर्षों के दौरान हुई अनियमितताओं से बंगाल की महिलाएं खुश नहीं हैं.  तृणमूल कांग्रेस की महिला विंग ने नवंबर के महीने में राज्य के पंचायत चुनावों के लिए विभिन्न जिलों का दौरा करने और मुख्य रूप से महिलाओं के साथ संवाद करने के लिए पार्टी के अभियान की शुरुआत की थी. यह पार्टी के 'चलो ग्राम जय' कार्यक्रम के हिस्से के रूप में किया गया, जो राज्य भर में महिला मतदाताओं को साधने के लिए चलाया गया है. इस अभियान ने नवंबर के आखिरी सप्ताह में पहला चरण पूरा कर लिया है.

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मकानों के वितरण में अस्पष्टता से नाराज महिलाएं

बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक टीम ने पिछले पच्चीस दिनों में दक्षिण बंगाल के एक बड़े हिस्से को कवर किया. टीएमसी के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि गांवों में रहने वाली महिलाओं ने शीर्ष नेताओं से कहा है कि वे चाहती हैं कि सरकार को पीएम आवास योजना के तहत फंड बांटने पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही उन्होंने मांग की है कि इन मकानों के वितरण के दौरान स्पष्टता बनाए रखी जानी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि इस एनालिसिस से हमें समझ आया है कि टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार को अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए.

केंद्र की ओर से बंगाल के लिए 8,200 करोड़ रुपये की मंजूरी

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हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नई दिल्ली यात्रा से दो सप्ताह से भी कम समय पहले पश्चिम बंगाल के लिए 8,200 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. पंचायत चुनाव से ठीक पहले सरकार 11 लाख से ज्यादा परिवारों के लिए घर बनवा सकेगी. पश्चिम बंगाल सरकार के शीर्ष स्तर के एक सूत्र ने इंडिया टुडे को ये जानकारी दी है.

'...वरना टीएमसी को पंचायत चुनाव में आएगी मुश्किल'

जमीनी स्तर पर जनता की सोच का एनालिसिस करने वाली टीम द्वारा यह सुझाव दिया गया है कि ग्रामीण आवास निधि के वितरण से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस होना चाहिए. वरना आने वाले चुनावों में पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. हमें पता चला है कि केंद्र सरकार ने पिछले दो हफ्तों में इससे जुड़ी बकाया राशि का भुगतान किया है.

'इन्हें गरीब लोगों के नुकसान का एहसास नहीं है, तो...'

इधर, तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी ने कहा, "पीएम आवास योजना गरीब लोगों के लिए है. तृणमूल कांग्रेस के नेता लंबे समय से इस योजना को भ्रष्ट कर रहे हैं. अगर उन्हें आम गरीब लोगों के नुकसान का एहसास नहीं है, तो हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है. उन्हें पिछले दो महीनों में कई केंद्रीय निधियों की मंजूरी दे दी गई है. उन्हें केंद्र सरकार को बकाया राशि देने के लिए धन्यवाद देना चाहिए."

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साल की शुरुआत में इसलिए रोका गया था योजना का धन

बता दें कि इस साल की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत तब धन रोक दिया था, जब बीजेपी सांसदों ने कहा था कि टीएमसी सरकार ने इस केंद्र प्रायोजित योजना को 'बांग्ला आवास योजना' के रूप में पुनः स्थापित किया है. संबंधित फंड के वितरण के अनुसार टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भारी भ्रष्टाचार के आरोप थे.

 

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