ममता की चेतावनी और TMC की धमकियों के बीच बंगाल में कैसे होगा SIR? चुनाव आयोग ने दिया जवाब

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर कोई रुकावट नहीं आएगी, चाहे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका विरोध करें या तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की धमकियां दें. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 का हवाला देते हुए बताया कि चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है और राज्य सरकारें भी इसे पूरा करने के लिए बाध्य हैं.

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चुनाव आयोग ने साफ किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. (Photo: PTI) चुनाव आयोग ने साफ किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर कोई रुकावट नहीं आएगी, चाहे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका विरोध करें या तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं की तरफ से 'खूनखराबे' की धमकियां क्यों न दी गई हों. दरअसल, पश्चिम बंगाल उन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल है जहां यह विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान चलाया जाएगा. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

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चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्ञानेश कुमार ने बताया कि सभी राज्य संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए जरूरी कर्मचारी और सहयोग उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं. जब उनसे पूछा गया कि तृणमूल नेताओं ने SIR के खिलाफ 'खूनखराबे' की धमकी दी है, तो उन्होंने साफ कहा- 'कोई रुकावट नहीं है.'

उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 का हवाला देते हुए कहा, 'चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है और राज्य सरकारें भी संविधान के तहत अपने दायित्व निभाने के लिए बाध्य हैं. हर संवैधानिक संस्था को वही करना होता है जो संविधान में लिखा है.'

'चुनाव आयोग की मदद करना राज्य सरकारों का दायित्व'

ज्ञानेश कुमार ने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और चुनाव आयोग के काम में मदद के लिए जरूरी कर्मचारी उपलब्ध कराना भी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब ममता बनर्जी ने हाल ही में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला था. 

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ममता बनर्जी ने दी थी चेतावनी

उन्होंने चेतावनी दी थी कि 'आग से मत खेलो', और कहा था कि 'बंगाल कोई साधारण राज्य नहीं है, अंग्रेजों को भी यहां से डर लगता था, इसलिए उन्हें राजधानी दिल्ली ले जानी पड़ी थी.' ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग अपनी सीमाएं लांघ रहा है और चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही सरकारी अधिकारियों को धमका रहा है. वहीं बीजेपी का कहना है कि मतदाता सूची की सफाई जरूरी है ताकि अवैध प्रवासियों को हटाया जा सके. 

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