अभिनेता से राजनेता बने विजय की पार्टी तमिलागा वेत्री कझगम (TVK) के एक कार्यकर्ता अयप्पन (51) ने सोमवार को अपने कमरे में फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया. पुलिस ने कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें अयप्पन ने लिखा था कि वह करूर में पार्टी की रैली में हुई भगदड़ की घटना से अवसाद में थे. उन्होंने डीएमके के स्थानीय सांसद सेंथिल बालाजी को इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया.
अयप्पन ने सुसाइड नोट में लिखा, 'विजय की करूर रैली के लिए पर्याप्त पुलिस सुरक्षा नहीं थी. विजय के फैंस ने अच्छा काम किया. सेंथिल बालाजी की वजह से यह घटना हुई. इसमें पुलिस भी शामिल है. उन्हें जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए.' अयप्पन तीन दिन पहले विल्लुपुरम जिले के मयिलम गांव में अपने बुजुर्ग माता-पिता से मिलने गए थे. पुलिस सूचना पाकर मौके पर पहुंची और अयप्पन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मुंडियाम्बक्कम सरकारी अस्पताल में भेजा.
करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत, 80 घायल
पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. बता दें कि टीवीके चीफ विजय की करूर में हुई 27 सितंबर की रैली में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने टीवीके के करूर जिला सचिव मथियाझगन, राज्य महासचिव बुशी आनंद और राज्य संयुक्त सचिव सीटीआर निर्मल कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 110, 125 (b), 223 और तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है.
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टीवीके ने की है भगदड़ की न्यायिक जांच की मांग
विजय की पार्टी टीवीके ने मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच में एक याचिका दायर करके इस भगदड़ की न्यायिक जांच की मांग की है. टीवीके ने इस घटना को आकस्मिक भगदड़ मानने से इनकार किया है और इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई है. टीवीके ने आरोप लगाया है कि रैली स्थल पर अचानक बिजली गुल हो गई और भीड़ पर पथराव किया गया. इसी बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिस कारण भगदड़ मच गई. वहीं, तमिलनाडु पुलिस ने टीवीके इन आरोपों को खारिज कर दिया है और भगदड़ के लिए विजय और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है.
पुलिस ने भगदड़ के लिए विजय को बताया जिम्मेदार
पुलिस ने इस मामले में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया है कि विजय जानबूझकर रैली में 7 घंटे की देरी से पहुंचे ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकट्ठी हो और टीवीके इसे अपनी ताकत के रूप में प्रदर्शित कर सके. पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि विजय की पार्टी ने उसके निर्देशों को नहीं माना और विजय ने बिला परमिशन के रोड शो निकाला. आजतक के पास FIR की कॉपी मौजूद है. इसमें कहा गया है कि विजय की रैली के लिए 11 शर्तें तय की गई थीं और सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के लिए 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
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भगदड़ मामले में टीवीके के 3 पदाधिकारियों पर FIR
एफआईआर में कहा गया है कि मीडिया में विजय के दोपहर 12 बजे रैली में आने की घोषणा के बाद आयोजन स्थल पर सुबह 10 बजे से भीड़ जमा होने लगी थी. टीवीके ने 10,000 लोगों की भीड़ के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन छोटी सी जगह में 25,000 से अधिक लोग भर गए. पुलिस अधिकारियों ने टीवीके नेताओं मथियाझगन, बुशी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार को चेतावनी दी थी कि भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो रही है, जिससे दम घुटने और शारीरिक नुकसान का खतरा है. लेकिन उन्होंने इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया.
टीवीके के करूर जिला सचिव मथियाझगन गिरफ्तार
FIR के मुताबिक, टीवीके नेताओं ने कार्यकर्ताओं को ठीक से नियंत्रित नहीं किया, जिसके कारण स्थिति बेकाबू हो गई. लोग पेड़ों की टहनियों और सड़क किनारे दुकानों के लिए बने शेड पर चढ़ गए. अधिक वजन के कारण ये टूट गए, जिससे लोग नीचे गिरे और भीड़ में दब गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई. तमिलनाडु पुलिस ने सोमवार को तमिलगा वेत्री कझगम के करूर जिला सचिव मथियाझगन को शनिवार रात अभिनेता विजय द्वारा संबोधित रैली में हुई भगदड़ के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है.
प्रमोद माधव