तमिलनाडु में अगले विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव की तैयारियां अभी से ही ज़ोर-शोर से शुरू हो गई है. राजनीतिक पार्टियों के नेता प्रदेश भर में दौरा करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में तमिलागा वेत्रि कज़गम के प्रमुख विजय ने पार्टी के राज्यव्यापी अभियान को अरियालुर शहर से शनिवार को आग़ाज़ कर दिया है.
अरियालुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' और डिलिमिटेशन को लेकर बीजेपी और डीएमके पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव को लोकतंत्र की हत्या करार दिया.
विजय ने संबोधन के दौरान क्या-क्या कहा?
विजय ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन के ज़रिए केंद्र सरकार को बहुत ज्यादा ताक़त मिल जाएगी और राज्यों की सरकारों को खत्म कर सकता है. इसकी वजह से संघीय व्यवस्था कमजोर होगी. राज्यों में केंद्र से चुनाव कराने की तिथियां अग़ल होती हैं, जिससे उनका अग़ल सत्ता का अधिकार बना रहता है.
विजय ने डेलिमिटेशन की भी आलोचना करते हुए कहा कि इस योजना की वजह से राजनीतिक दलों के बीच असमान कॉम्पिटिशन बढ़ सकता है, ख़ासकर दक्षिण भारत के राज्यों में विपक्षी दलों की ताक़त कम हो जाएगी.
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उन्होंने कहा कि डेलिमिटेशन का मकसद बस एक है - विपक्ष को कमजोर करना. इसमें कुछ राज्यों को नुक़सान होगा. विशेष तौर पर दक्षिण भारत के राज्यों को.
विजय ने कहा कि बिहार में 60 लाख मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से ग़ायब हो गया. बीजेपी सरकार बहुत ज्यादा क्रूर है.
विजय तमिलनाडु की वर्तमान डीएमके सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने पूछा कि डीएमके सरकार ने 500 से ज्यादा वादा किए थे, उनमें से कितने पूरे हुए? हमने और आपने मिलकर डीएमके की सरकार बनाई थी ताकि सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुसार काम हो. लेकिन, मेरे प्रिय मुख्यमंत्री स्टालिन ने बेशर्मी से झूठ बोलकर दावा किया कि सभी वादे पूरे कर दिए गए हैं. उन वादों को तो अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है.
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