'रैली में जानबूझकर देरी से पहुंचे थे विजय, ताकि भीड़...', पुलिस ने करूर भगदड़ के लिए TVK चीफ को ठहराया जिम्मेदार

करूर में विजय की रैली के दौरान मची भगदड़ के मामले में पुलिस ने टीवीके के तीन नेताओं-मथियाझगन, बुशी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

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करूर भगदड़ मामले में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने टीवीके चीफ विजय पर रैली में जानबूझकर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया है. (Photo: PTI) करूर भगदड़ मामले में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने टीवीके चीफ विजय पर रैली में जानबूझकर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया है. (Photo: PTI)

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 29 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर की रात को अभिनेता से नेता बने विजय की चुनावी रैली के दौरान हुई भगदड़ के मामले में FIR दर्ज की गई है, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी और 80 के करीब लोग घायल हुए थे. एफआईआर में टीवीके चीफ विजय और उनकी पार्टी के तीन अन्य नेताओं को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

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पुलिस ने टीवीके के जिला सचिव मथियाझगन, राज्य महासचिव बुशी आनंद और राज्य संयुक्त सचिव सीटीआर निर्मल कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 110, 125 (b), 223 और तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है. 

करूर भगदड़ केस में दर्ज FIR में क्या आरोप हैं?

आजतक के पास FIR की कॉपी मौजूद है. इसमें कहा गया है कि विजय की रैली के लिए 11 शर्तें तय की गई थीं और सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के लिए 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. एफआईआर में कहा गया है कि मीडिया में विजय के दोपहर 12 बजे रैली में आने की घोषणा के बाद आयोजन स्थल पर सुबह 10 बजे से भीड़ जमा होने लगी थी. मथियाझगन ने 10,000 लोगों की भीड़ के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन छोटी सी जगह में 25,000 से अधिक लोग भर गए. 

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एफआईआर के अनुसार, विजय शाम 4:45 बजे करूर जिले की सीमा पर पहुंच गए थे, लेकिन रैली स्थल पर आने में जानबूझकर देरी की और बिना अनुमति के रोडशो निकाला. प्रशासन की ओर से रैली के लिए तय की गईं शर्तों का पालन नहीं किया गया, जिससे पब्लिक और पुलिस को ट्रैफिक मैनेजमेंट में असुविधा हुई. शाम 7 बजे विजय की बस वेलुचामीपुरम पहुंच गई थी, लेकिन फिर से रैली में आने में जानबूझकर देरी के कारण भारी भीड़ जमा हो गई. 

TVK नेताओं ने चेतावनी को नजरअंदाज किया

एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों ने मथियाझगन, बुशी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार को चेतावनी दी थी कि भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो रही है, जिससे दम घुटने और शारीरिक नुकसान का खतरा है. लेकिन टीवीके नेताओं ने इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया. FIR के मुताबिक, टीवीके नेताओं ने कार्यकर्ताओं को ठीक से नियंत्रित नहीं किया, जिसके कारण स्थिति बेकाबू हो गई. लोग पेड़ों की टहनियों और सड़क किनारे दुकानों के लिए बने शेड पर चढ़ गए. अधिक वजन के कारण ये टूट गए, जिससे लोग नीचे गिरे और भीड़ में दब गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई. 

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रैली में आने में विजय की देरी से बढ़ी मुसीबत

एफआईआर में यह भी कहा गया है कि विजय को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक कार्यक्रम की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने करूर जिले की सीमा में चार घंटे की देरी से एंट्री की. यह देरी जानबूझकर की गई ताकि रैली में भारी भीड़ जुटे और इसे राजनीतिक ताकत के रूप में दिखाया जा सके. विजय के इंतजार में हजारों लोग धूप में खड़े रहे, जिस कारण उनमें से कई डिहाइड्रेट होकर बेहोश हो गए. इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं.

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