तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर अभिनेता से राजनेता बने विजय को 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. टीवीके की एक बैठक में बोलते हुए विजय ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी कभी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी, न सार्वजनिक रूप से, न ही बंद दरवाजों के पीछे. विजय ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका और उनकी पार्टी के विचार भाजपा से मेल नहीं खाते. उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया और कहा, 'भगवा पार्टी अन्य जगहों पर जहर के बीज बो सकती है, लेकिन तमिलनाडु में नहीं.'
उन्होंने कहा, 'आप अन्ना और पेरियार का विरोध या अपमान करके तमिलनाडु में जीत नहीं सकते. टीवीके कोई डीएमके या एआईएडीएमके नहीं है जो भाजपा से हाथ मिला ले.' उन्होंने यह भी कहा कि टीवीके हमेशा डीएमके और भाजपा दोनों का विरोध करेगी. पार्टी ने चुनाव से पहले गठबंधन पर फैसला लेने के लिए विजय को पूरी शक्ति सौंपी. टीवीके ने अपने सदस्यता आधार का विस्तार करने का भी संकल्प लिया और राज्य में दो करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा.
यह भी पढ़ें: 'भाषा थोपने से कर्नाटक में फेल हुए 90 हजार छात्र', नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र पर भड़के तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री
विजय इस वर्ष सितंबर से दिसंबर तक तमिलनाडु का राज्यव्यापी दौरा करेंगे, मतदाताओं से मिलेंगे और समर्थन जुटाएंगे. टीवीके का दूसरा राज्य सम्मेलन अगस्त में आयोजित किया जाएगा, जहां पार्टी की आगे की रणनीतियों के बारे में खुलासा होने की उम्मीद है. चुनावी योजनाओं के अलावा, पार्टी ने प्रमुख मुद्दों पर कई प्रस्ताव पारित किए. टीवीके ने मांग की कि केंद्र कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका से वापस ले तथा कीझाडी में प्राप्त निष्कर्षों को छुपाने के प्रयास की निंदा की, जिसके बारे में विजय की पार्टी ने दावा किया कि वहां 2000 वर्ष से अधिक पुरानी तमिल सभ्यता थी.
टीवीके ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा की निंदा की तथा तमिलनाडु सरकार से प्रस्तावित मेल्मा एसआईपीसीओटी औद्योगिक विस्तार योजना को लागू नहीं करने का आग्रह किया. टीवीके ने कृष्णागिरी, थेनी, तिरुवल्लूर, सेलम और डिंडीगुल में आम किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने की भी कसम खाई और कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा केंद्र सरकार को लिखे गए पत्र किसानों की समस्या के समाधान के लिए अपर्याप्त हैं.
अनघा