Karnataka में झंडा फहराने पर बवाल... पुलिस ने धार्मिक ध्वज उतारा तो ग्रामीणों ने किया हंगामा

कर्नाटक के मांड्या में झंडा फहराने को लेकर तनावपूर्ण स्थिति हो गई. दरअसल, मांड्या के केरागोडु गांव में युवाओं ने केरागोडु ग्राम पंचायत से अनुमति लेकर पिछले सप्ताह 108 फीट का पोल खड़ा किया, जिस पर भगवा झंडा फहराया. इसके बाद अधिकारियों ने इस ध्वज को हटाकर तिरंगा लगा दिया. इस पर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

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मौके पर मौजूद पुलिस और ग्रामीण. मौके पर मौजूद पुलिस और ग्रामीण.

सगाय राज / अनघा

  • मांड्या,
  • 28 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

कर्नाटक के मांड्या में झंडा फहराने को लेकर तनावपूर्ण स्थिति हो गई. यहां केरागोडु गांव में युवाओं ने ग्राम पंचायत से अनुमति लेकर बीते सप्ताह 108 फीट का पोल खड़ा किया. इसके बाद उस पर भगवा फहराया. ग्राम पंचायत ने इस ध्वज को हटाया तो विरोध शुरू हो गया.

ग्रामीणों ने कुछ लोगों पर मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया. इसी के साथ विरोध में दुकानें बंद कर दीं. ग्राम पंचायत के अधिकारी भगवा झंडे को हटाने के लिए गांव पहुंचे तो मौके पर ग्रामीण इकट्ठे हो गए. उन्होंने 'वापस जाओ' के नारे लगाते हुए अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान स्थिति को देखते हुए गांव में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई.

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पुलिस ने भगवा झंडे को हटा दिया. इसके बाद से लोग कांग्रेस विधायक रवि कुमार के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. विधायक के बैनर तोड़ दिए गए. भगवा ध्वज हटाए जाने के बाद ग्रामीणों ने बंद का आह्वान किया है. दुकानें स्वेच्छा से बंद थीं. लोग मुख्य सड़क पर खाना बना रहे थे. खाना बनाने के लिए आग जलाने में स्थानीय विधायक के बैनर का इस्तेमाल किया.

हिंदू संगठन के कार्यकर्ता भगवा ध्वज पोल पर लगाना चाहते थे, जबकि पुलिस तिरंगा लगाना चाहती थी. इस बीच कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई.

पूरे मामले को लेकर मांड्या एसपी ने क्या कहा?

इस मामले में मांड्या एसपी का कहना है कि यह ग्राम पंचायत सीईओ का निर्णय है. ग्रामीणों के विरोध के बीच ध्वज को पोल से हटा दिया गया. मांड्या जिला पंचायत के सीईओ शेख तनवीर आसिफ ने कहा कि ट्रस्ट ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए पोल तैयार करने की अनुमति मांगी थी. राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए सरकारी संपत्ति पर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर भगवा ध्वज लगाया. ध्वज को कानून के अनुसार हटा दिया गया है. सब कुछ नियंत्रण में है.

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