'बिहार SIR पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि...', लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने बताए ये कारण

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन की मांग पर विपक्ष अड़ा हुआ है. संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. अब सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में यह साफ कह दिया है कि इस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने इसके पीछे कारण भी गिनाए हैं.

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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में दिया नियमों का हवाला (Photo: Screengrab) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में दिया नियमों का हवाला (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर संसद में संग्राम जारी है. विपक्षी दल एसआईआर पर चर्चा की मांग करते हुए दोनों सदनों में हर दिन हंगामा कर रहे हैं. विपक्ष एसआईआर पर चर्चा की अपनी डिमांड पर अड़ा हुआ है. संसद से सड़क तक सरकार को घेर रहा है. वहीं, अब सरकार ने भी साफ कर दिया है कि बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती है.

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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में नियमों का हवाला दिया और कारण भी गिनाए. किरेन रिजिजू ने कहा कि बिहार में एसआईआर का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. संसद के नियमों के मुताबिक किसी ऐसे विषय पर यहां चर्चा नहीं हो सकती, जो कोर्ट में लंबित हो.

उन्होंने सदन के नियमों का भी उल्लेख किया और कहा कि चुनाव आयोग एक ऑटोनोमस बॉडी है. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि निर्वाचन आयोग जैसी ऑटोनोमस बॉडी के कामकाज से संबंधित किसी भी विषय पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती. संसद के नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं.

किरेन रिजिजू ने विपक्ष से कहा कि क्या आप संसद के नियम तोड़ना चाहते हैं. किरेन रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों से सदन में गतिरोध खत्म करने और महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होने देने, इसमें भाग लेने की भी अपील की. हालांकि, विपक्षी सदस्यों पर संसदीय कार्य मंत्री की बातों का, उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और हंगामा जारी रहा.

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लोकसभा में हंगामे के बीच ही पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मर्चेंट शिपिंग बिल लोकसभा में पेश किया. यह बिल 20 मिनट के भीतर ही बगैर चर्चा पारित भी हो गया. गौरतलब है कि राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश भी बिहार एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की डिमांड खारिज कर चुके हैं.

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हरिवंश ने भी चुनाव आयोग को संवैधानिक संस्था बताते हुए कहा था कि इसके कामकाज पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने बिहार एसआईआर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का भी हवाला दिया था.

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