‘पथराव का आरोप बेबुनियाद...', पुलिस ने खारिज किए विजय की पार्टी के दावे, कहा- हमारी बात मानते तो भगदड़ न होती

तमिलनाडु पुलिस ने विजय की करूर रैली में जुटी भीड़ पर पथराव होने के टीवीके के आरोपों को खारिज कर दिया है. पुलिस ने कहा कि वहां कोई पथराव नहीं हुआ, विजय की पार्टी ने हमारे आदेशों का उल्लंघन करके रैली का आयोजन किया.

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टीवीके चीफ विजय की करूर रैली में मची भगदड़ में 40 लोगों की मौत हो गई. (Photo: PTI) टीवीके चीफ विजय की करूर रैली में मची भगदड़ में 40 लोगों की मौत हो गई. (Photo: PTI)

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 28 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:11 AM IST

तमिलनाडु पुलिस ने टीवीके चीफ विजय की करूर रैली में मची भगदड़ के पीछे साजिश के आरोपों को खारिज कर​ दिया है. राज्य पुलिस ने कहा कि तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के नेतृत्व ने करूर रैली में आधिकारिक दिशानिर्देशों की अवहेलना की, जिसमें शनिवार को भगदड़ मचने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने कहा कि विजय की पार्टी ने जगह कम होने के बावजूद भारी भीड़ इकट्ठा की.

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तमिलनाडु पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) डेविडसन देवसिरवथम ने तमिलगा वेत्री कझगम के इस दावे का खंडन किया कि पथराव के कारण भगदड़ मची थी, और स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. एडीजीपी डेविडसन ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'करूर रैली में विजय के आने में देरी हुई. नमक्कल, जहां विजय की एक और रैली होनी थी, वहां से भी लोग करूर में जमा हो गए. इस कारण भारी भीड़ जमा हो गई, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया.'

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TVK ने 12000 की भीड़ के लिए ली थी परमिशन

एडीजीपी ने आगे बताया कि विजय की पार्टी ने 12,000 लोगों के जमावड़े के लिए पुलिस से अनुमति मांगी गई थी, और उसके अनुसार ही पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'नमक्कल रैली में देरी होने के कारण, वह (विजय) शाम 6 बजे करूर पहुंच पाए. भीड़ तेजी से बढ़ने लगी, नमक्कल और करूर, दोनों जगहों से लोग उन्हें देखने के लिए इकट्ठा हो गए... हर कोई विजय को देखना चाहता था और भीड़ उनकी गाड़ी की ओर बढ़ रही थी. रैली में जुटे लोग किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे, यहां तक कि वालंटियर्स, बाउंसर्स या फिर जिन्हें भी वे अपने साथ लाए थे, उनकी भी नहीं.'

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पुलिस निर्देशों का उल्लंघन कर आयोजित की रैली

एडीजीपी डेविडसन ने आगे कहा, 'विजय की रैली के आयोजकों ने कम लोगों वाले इलाके में भाषण देने के अधिकारियों के सुझाव को ठुकरा दिया. इसके अलावा, विजय की बस के अंदर रोशनी नहीं थी, इसलिए भीड़ उन्हें देख नहीं पा रही थी और बस के साथ-साथ चलने लगी.' उन्होंने भीड़ का अनुमान लगाने में पुलिस की विफलता के आरोपों का भी खंडन किया. विजय  27 सितंबर को करूर में रैली को संबोधित कर रहे थे. रात करीब 9 बजे रैली अफरा-तफरी मच गई और कई लोग बेहोश हो गए. कुछ ही मिनटों में स्थिति दुखद हो गई और बच्चों, महिलाओं समेत कई लोगों की जान चली गई. रविवार शाम तक मरने वालों की संख्या 40 हो पहुंच गई थी, जबकि लगभग 70 लोग अस्पताल में भर्ती हैं.

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टीवीके ने भगदड़ को साजिश का हिस्सा बताया था

विजय की पार्टी टीवीके ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उसने आरोप लगाया कि यह हादसा आकस्मिक नहीं, बल्कि एक साजिश का हिस्सा था. विजय की पार्टी ने दावा किया है कि रैली में अचानक बिजली गुल हो गई, यहां जुटी भीड़ को निशाना बनाकर पथराव किया गया और पुलिस ने घटनास्थल पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मची और जो भगदड़ में तब्दील हो गई. जैसे-जैसे आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता गया, कई लोगों ने भगदड़ के लिए अलग-अलग स्पष्टीकरण दिए, और यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर गलती कहां हुई- क्या यह रैली स्थल के चयन की गलती थी या फिर भीड़ का अनुमान लगाने में हुई गलती थी?

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