'शेल्टर होम नहीं, नसबंदी ही सही हल...', आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई में तीन जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस भी जारी किया है.

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आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला. (Photo: PTI) आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला. (Photo: PTI)

अनीषा माथुर / संजय शर्मा / सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में 11 अगस्त के उस निर्देश में संशोधन किया है, जिसमें आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें शेल्टर होम में रखने की बात कही गई थी. कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि केवल बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जाएगा.

कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में नहीं रखा जाएगा. यहां तक कि जिन कुत्तों को शेल्टर होम में भेजा गया है, उन्हें तुरंत छोड़ा जाएगा. नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को छोड़ा जाएगा. शेल्टर होम भेजे गए कुत्ते छोड़े जाएंगे. सिर्फ बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में ही रखा जाएगा. 

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जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई में तीन जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने हर ब्लॉक में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अलग से फीडिंग स्पेस खोले जाएंगे, जिससे सिर्फ निर्धारित जगह पर ही कुत्तों को खाना दिया जाएगा. अब से सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना नहीं खिलाया जाएगा. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी.

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कोर्ट ने कहा कि कुत्तों को जहां से उठाया गया है, उन्हें उसी जगह रिलोकेट किया जाएगा. हर वॉर्ड में कुत्तों को खाना खिलाने के लिए फीडिंग जोन बनाए जाएंगे. सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर मनाही है. अदालत ने कहा कि किसी भी जगह कुत्तों को खाना खिलाने से समस्या होती है. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी.

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अदालत ने कहा कि कुत्तों को निश्चित जगह पर खाना खिलाने के लिए फीडिंग जोन बनाए जाएंगे. इस मामले में अगर कोई व्यक्ति या एनजीओ अदालत आना चाहता है तो आ सकता है लेकिन इसके लिए हर व्यक्ति को 25 हजार और एनजीओ को दो लाख रुपये जमा कराने होंगे. इस पैसे का इस्तेमाल आवारा कुत्तों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए किया जाएगा.

कोर्ट के इन निर्देशों के पालन में कोई भी शख्स या संगठन व्यवधान उत्पन्न नहीं करे. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को अडॉप्ट करने के लिए एप्लिकेशन दायर कर सकते हैं. ये जिम्मेदारी उनकी होगी कि एक बार गोद लिए गए कुत्तों को दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाए.

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर मे आवारा कुत्तों पर जारी पिछला आदेश अब नए कलेवर और तेवर में पूरे देश में लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश का दायरा बढ़ाते हुए देश की सभी अदालतों मे लंबित मामले सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किए. आवारा कुत्तों को पकड़ने के काम में बाधा डालने सहित इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए जो लोग पकड़े जाएंगे उन पर कोर्ट के आदेश के उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर वकील और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा ने कहा कि यह बेहद संतुलित ऑर्डर है. कोर्ट ने सभी राज्यों को इस केस में शामिल कर लिया है. कुत्तों से संबंधित सभी राज्यों की अदालतों में लंबित सभी मामलों को एक ही केस में तब्दील किया जाएगा. कोर्ट ने कहा है कि कुत्तों की नसबंदी की जाएगी और आक्रामक कुत्तों को एनिमल शेल्टर में रखा जाएगा. इसके लिए कोर्ट ने एमसीडी को निर्धारित जगहों पर ही फीडिंग क्षेत्र बनाने को कहा है.

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